दुर्ग में जल जीवन मिशन के कार्यों का बुरा हाल है। ठेकेदार या तो काम आधा-अधूरा छोड़कर गायब हो गए हैं अथवा जहां निर्माण पूरा हो गया है वहां भी लोगों को इससे पानी नहीं मिल रहा है। ऐसा ही उदाहरण जिला मुयालय से लगे ग्राम पंचायत नगपुरा में सामने आया है। यहां भी ठेकेदार काम आधा-अधूरा छोड़कर गायब हो गया है। दो साल बाद भी काम अधूरा है। लिहाजा ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। खास बात यह है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।नगपुरा में जल जीवन मिशन के हर घर जल प्रदाय योजना के तहत 8 अप्रैल 2022 को रेट्रोफिटिंग यानी पुरानी जल प्रदाय योजना को अपग्रेड करने 1 करोड़ 83 लाख 67 हजार रुपए की मंजूरी दी गई है। इस राशि से 893 एफएचटीसी यानी नल पोस्ट बनाने के साथ 4 हजार 173 मीटर पाइपलाइन बिछाया जाना है। इसके अलावा 120 केएल की ओवरहेड टंकी का निर्माण कर हर घर पेयजल सप्लाई कराया जाना है।नगपुरा के पूर्व पंच बलराम कौशिक ने बताया कि ठेकेदार ने यहां काम तो शुरू किया, लेकिन आधा-अधूरा छोड़ दिया है। ओवरहेड टंकी का ढांचा आधा-अधूरा खड़ा है, वहीं अधिकतर इलाकों में पाइपलाइन का काम नहीं किया गया है। इसकी जगह ठेकेदार ने गलियों में जगह-जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिया है। क्लोरीनेटर का पता ही नहीं है। इधर कई महीनों से काम बंद है, लेकिन संबंधित अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।मिशनके तहत ग्रुप प्रोजेक्ट के अलावा एक विलेज योजना व रेट्रोफिटिंग के भी काम कराए जा रहे हैं। इन तमाम कामों से अब तक महज 1 लाख 20 हजार 134 नल कनेक्शन ही दे पाए हैं। इनमें से अधिकतर कनेक्शन भी रेट्रोफिटिंग वाले प्रोजेक्ट के हैं। मिशन के पहले के 15 हजार 702 नल कनेक्शनों को मिला तो इस समय ग्रामीण क्षेत्र के केवल 1 लाख 35 हजार 836 यानी 87 फीसदी घरों को नल का कनेक्शन दे पाए हैं।
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