डोंगरगढ शहर और आस पास के ग्रामीणों ढाबों में परोसी जा रही शराब। महाराष्ट्र निर्मित शराब की बम्फर आवक...
त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग

डोंगरगढ़- मां बम्लेश्वरी देवी की नगरी में शराब पर प्रतिबंध सिर्फ एक दिखावा से अधिक कुछ नहीं है। नगर के हर कोने में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब साथ ही नगर के लगभग सभी ढाबों में बेखौफ परोसी जा रही है। खंडूपारा बुधवारीपारा रोड हो टॉकीज हो या कालकापारा रोड हो या बस स्टैंड रोड, या फिर खैरागढ़ रोड सभी जगह बड़ी आसानी से देशी विदेशी मदिरा उपलब्ध है। कुछ तो गाड़ी की डिक्की में रखकर खुलेआम होम डिलीवरी करते देखे जा सकते हैं  कुछ धर्मस्थलों के आस पास भी अवैध रूप से शराब बिक्री करते हैं।प्रशासन भी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर वाहवाही बटोर अपनी पीठ थपथपा लेती है बड़े खेप में बेचने वालो को बचाया जाता है  जिससे ढाबा मालिकों के साथ ही तस्करों के हौसले बुलंद है।अवैध शराब के इस खेल में भट्टी के सामने से निकल रही है शराब का खेप विभागीय मिलीभगत एवं राजनैतिक दखल भी देखने को मिलता है जिससे दारू की पेटी माल ओव्हर रेट में कोचियों को ब्लॉक की सभी भट्ठियों से आसानी से मिल जाता है। एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि शराब तस्करों और नशे के सौदागरों के कारण डोंगरगढ़ का नाम कलंकित हो रहा है इससे अच्छा है सरकार नगर के हर कोने में शराब भट्टी खोल दे जिससे शराब की कालाबाजारी तो बंद होगी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी जिले में कोचिया प्रजाति खत्म करने की बात कही थी। अब देखना यह है कि क्या डोंगरगढ़ नाम मात्र की धर्मनगरी रहेगा या फिर धर्मनगरी को कलंकित करने वालों पर प्रशासन लगाम लगती है या फिर वही कहानी दोहराएगी|

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