विज्ञान भवन में सम्पन्न विश्व हिंदी परिषद के ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय महाकुंभ में दी भागीदारी...
त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग

भिलाई। इस्पात नगरी भिलाई के मूल निवासी और इन दिनों अमेरिका में रहकर हिंदी की विशिष्ट सेवा कर रहे मयंक जैन दंपति और उनकी संस्था ‘हिंदी-यूएसए सेंट लुईस शाखा’को नई दिल्ली में दो दिन पहले हुए विश्व हिंदी परिषद के ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय महाकुंभ में दो विशिष्ट सम्मान से विभूषित किया गया है। इस दौरान मयंक के साथ सेंट लुईस हिंदी-यूएसए पहल में सक्रिय रूप से सहयोग कर रही उनकी पत्नी डॉ. अंशु जैन ने देश-विदेश के प्रतिनिधियों के बीच विशेष प्रस्तुतिकरण दिया, जिसे भरपूर सराहना मिली।विज्ञान भवन में 21–22 नवंबर को विश्व हिंदी परिषद और भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में “राष्ट्रीयता और मानवता के प्रतीक : पंडित दीनदयाल उपाध्याय” विषय पर यह दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में अमेरिका की संस्था हिंदी-यूएसए और उसके सेंट लुईस शाखा के समन्वयक मयंक जैन को हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के वैश्विक विस्तार में असाधारण योगदान के लिए “हिंदी सेवा सम्मान” तथा “हिंदी प्रतीक चिह्न सम्मान” से विभूषित किया गया। यह सम्मान लद्दाख के उपराज्यपाल कवींद्र गुप्ता के करकमलों प्रदान किए गए।मयंक जैन दंपति ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अनेक प्रेरक व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही, जिनमें पद्मभूषण और पद्मश्री आचार्य यरलागड्डा लक्ष्मीप्रसाद, पूर्व सांसद के. सी. त्यागी, राज्य सभा की सांसद रेखा शर्मा, प्रो. सच्चिदानंद मिश्र, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. महेश चंद्र शर्मा, डॉ. शिवशक्ति नाथ बख्शी, बलदेव पुरुषार्थ, प्रो. हेमचंद्र जैन, प्रो. योजना कालिया, और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित विभिन्न संस्थानों के प्राध्यापक और कुलपति शामिल थे। छत्तीसगढ़ से भी अनेक प्रतिनिधि विशेषकर प्रो. राम नारायण पटेल इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। इसके अतिरिक्त इथियोपिया, सूरीनाम, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन से आए प्रतिनिधियों ने हिंदी की वैश्विक उपस्थिति को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। इस विराट आयोजन के सफल प्रबंधन और समन्वय में बिपिन, डी.पी. मिश्रा तथा विश्व हिंदी परिषद के सैकड़ों स्वयंसेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही, जिनके समर्पण और सतत प्रयासों ने दो दिनों के इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को उत्कृष्ट सफलता प्रदान की।

हिंदी-यूएसए की स्थापना के वास्तविक संस्थापक को मिला सम्मान

मयंक जैन दंपति ने अपने प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया कि हिंदी-यूएसए की शुरुआत 25 वर्ष पहले देवेंद्र सिंह और डॉ. रचिता सिंह ने की थी, जिनके अथक प्रयासों से आज हिंदी यूएसए एक राष्ट्रीय संस्थान के रूप में विकसित हो चुका है और आज पूरे अमेरिका में 29 हिंदी-यूएसए स्कूल संचालित हो रहे हैं। उन्होंने यह सम्मान हिंदी-यूएसए की सेंट लुईस और अन्य शाखाओं के सभी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत को समर्पित किया।

मयंक ने बताया—अमेरिका में हिंदी के लिए नहीं मिल रहे योग्य शिक्षक

सम्मेलन के दूसरे दिन संस्था ‘हिंदी-यूएसए’ को विशेष रूप से आमंत्रित अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति के रूप में स्थान दिया गया, जहाँ इसकी शिक्षण प्रणाली और सांस्कृतिक गतिविधियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। अपनी प्रस्तुति में मयंक जैन ने बताया कि हिंदी-यूएसए संस्था अमेरिका के मिडवेस्ट क्षेत्र के नौ राज्यों में नौ स्तरों पर संरचित हिंदी शिक्षा प्रदान करती है, जिसमें 35 शिक्षक और स्वयंसेवक प्रतिदिन बच्चों और परिवारों तक हिंदी पहुँचाने में लगे हैं। कार्यक्रम में प्रदर्शित वीडियो में हिंदी-यूएसए की कक्षाओं, परीक्षाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक योगदान को विस्तार से दिखाया गया। उन्होंने अमेरिका में हिंदी शिक्षा की कैच-22 स्थिति पर कहा कि वहाँ स्कूल हिंदी की पढ़ाई शुरू करना चाहते हैं, पर योग्य शिक्षक उपलब्ध नहीं; और लोग शिक्षक बनना चाहते हैं, पर औपचारिक अवसर और करियर मार्ग उपलब्ध नहीं। हिंदी-यूएसए इस कमी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण, अध्ययन सामग्री और नेटवर्किंग के माध्यम से एक मजबूत ढांचा तैयार कर रहा है।

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