सरकारी अस्पतालों में हीमोग्लोबिन दवाओं को लेकर औषधि विभाग की छापेमारी, जांच के लिए भेजे गए सैंपल...
त्वरित ख़बरें -सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग दवाओं

रायपुर. घटिया दवाओं की शिकायत को लेकर छत्तीसगढ़ खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर के कई सरकारी अस्पतालों छापा मारा है. इस दौरान हीमोग्लोबिन और खून से जुड़े कई दावों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. दरअसल, छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सरकारी अस्पतालों में घटिया दवा सप्लाई की शिकायत आते दिन सामने आते रहती है. हाल ही में जो मामला सामने आया है वह हिमोग्लोबिन दवाओं से जुड़ा है. विभागीय जानकारी के अनुसार इन दवाओं को लेकर लगातार शिकायत के बीच हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल अधिकारियों की बैठक ली. इसमें उन्होंने चिंता जाहिर की.स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हीमोग्लोबिन से जुड़ी दवाओं के लगातार सेवन के बाद भी महिलाओं और बच्चों में हीमोग्लोबिन का स्तर सुधार नहीं रहा है. ऐसे में मंत्री ने खाद और औषधि प्रशासन विभाग को इन दावों के सैंपल लेकर जांच के निर्देश दिए.शासन के निर्देश पर खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने जिला अस्पतालों, स्कूलों और सीजीएमएससी के वेयर हाउस से आयरन-फोलिक एसिड क़े विभिन्न फार्मूलेशन के सैंपल लिए हैं और जांच के लिए भेजें. यह दवाएं गर्भवती महिलाओं और बच्चों मे हीमोग्लोबिन की कमी दूर करती है. हीमोग्लोबिन, गर्भवती महिलाओं में शिशु विकास में बहुत सहायक होती है.नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक के अनुसार प्रदेश में 61 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. 51 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी बड़ी समस्या है. स्थिति यह है कि एनएफएचएस साल 2016 में राज्य में 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार थीं, वह 14 प्रतिशत बढ़ गया है. खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी बसंत कौशिक ने बताया है कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने जांच के निर्देश दिए थे. हमने घटिया दवा की शिकायत पर सैंपल जांच के लिए भेजे हैं. गलत पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.




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