नगर निगम राजनांदगांव की राजनीति में इस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया है....
निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले ने महापौर मधुसूदन यादव की भूमिका पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि नगर निगम का संचालन अब महापौर के हाथों में नहीं बल्कि नांदगांव के स्पीकर हाउस से हो रहा है।
पिल्ले ने आगे कहा कि महापौर की पहले जैसी पकड़ अब निगम पर नहीं रह गई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हर साल गणेश उत्सव का पुरस्कार वितरण कार्यक्रम नगर निगम टाउन हॉल से आयोजित होता था लेकिन इस बार यह आयोजन स्पीकर हाउस से किया गया। इतना ही नहीं छह अनुकंपा नियुक्ति के आदेश भी स्पीकर हाउस से जारी किए गए जो पूरी तरह अनुचित है।उन्होंने सवाल उठाया कि जब नगर निगम का अपना टाउन हॉल और कार्यालय मौजूद है तो नियुक्ति आदेश और सम्मान समारोह डॉ. रमन सिंह के बंगले से क्यों किए जा रहे हैं? यदि यह सब नगर निगम के टाउन हॉल या कार्यालय से होता तो लोगों को प्रसन्नता होती। लेकिन वर्तमान स्थिति यह दर्शाती है कि महापौर का निगम पर नियंत्रण नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने आगे यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम की कार्यप्रणाली अब निगम के हिसाब से नहीं बल्कि बाहरी दबाव में चल रही है। निगम की सामान्य सभा के दौरान सांसद और विधायक के लिए कुर्सी आरक्षित रखी जाती है लेकिन वे स्वयं कभी उपस्थित नहीं होते है केवल उनके प्रतिनिधि आते हैं।उन्होंने टाउन हॉल की ऐतिहासिक धरोहर का जिक्र करते हुए कहा कि इसे राजा-महाराजाओं ने शहर की जनता को सौंपा था लेकिन आज इसकी उपेक्षा हो रही है और निगम की गतिविधियाँ कहीं और से नियंत्रित की जा रही हैं। 98271 04049

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