कार्यक्रम में दस जिले से सैकड़ों साहित्यकारों एवं कलाकारों की भागीदारी रही...
त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग

सीता राम साहू श्याम, भूखन वर्मा और देव साहू "साकेत साहित्य सम्मान से सम्मानित...

राजनांदगांव - साकेत साहित्य परिषद सुरगी के बैनर तले ग्राम विकास समिति  ढोडिय़ा के सहयोग  से परिषद का 26 वें वार्षिक समारोह गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम तीन सत्र में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र" मर्ज होती शिक्षा व्यवस्था" पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डा. सुधीर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार, रायपुर थे एवं अध्यक्षता बद्री प्रसाद पारकर वरिष्ठ साहित्यकार भिलाई ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सीता राम साहू श्याम वरिष्ठ साहित्यकार पैरी, बालोद,  आत्मा राम कोशा अमात्य जिला समन्वयक राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग,हरभजन सिंह भाटिया मानस मर्मज्ञ,प्रखर वक्ता, सुरगी एवं आधार वक्तव्य कुबेर सिंह साहू वरिष्ठ साहित्यकार एवं संरक्षक,साकेत साहित्य परिषद सुरगी ने दिया।  सुधीर शर्मा ने कहा कि शिक्षा से ही समाज सुदृढ़ होता है और सरकार का यह दायित्व होता है कि सबको समान रूप से शिक्षा सुलभ रूप से उपलब्ध हो परंतु देखने में मिलता है कि शिक्षा में भारी असमानता है। बद्री प्रसाद पारकर ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा के लिए सरकार, समाज एवं कुछ हद तक शिक्षक वर्ग भी जिम्मेदार है। उन्होंने  आगे कहा कि शिक्षा सबको समान रूप से मिलना चाहिए। कुबेर सिंह साहू ने कहा कि सरकार किसी का भी हो शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं देता क्योंकि इसमें शासन को आय न मिल कर उसमें व्यय करना पड़ता है। इसी के चलते प्राइवेट स्कूल का अंबार है और गरीब तबके के बच्चे ही सरकारी स्कूल में पढऩे को मजबूर है। आत्मा राम कोशा अमात्य ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ सरकारी नौकरी न होकर व्यापक होना चाहिए। इसीलिए सरकार कौशल विकास पर आधारित शिक्षा पर जोर दे रही है। हरभजन सिंह भाटिया ने कहा कि मर्ज का अर्थ बीमारी होता है। सरकार ने छात्र और शिक्षक अनुपात को कम कर इस मर्ज को और बढ़ा दिए हैं। वर्ष 2008 के सेटअप को कम कर शिक्षा व्यवस्था पर प्रहार किया गया है। सीताराम साहू श्याम ने कहा कि साकेत और सुरगी समानार्थी  है ।दोनों का तात्पर्य बैंकुठ है ।साकेत अयोध्या का भी नाम रहा है उन्होंने इसका विवेचन प्रस्तुत किया।इस अवसर पर मंच में साकेत साहित्य परिषद सुरगी के प्रथम अध्यक्ष धर्मेन्द्र पारख मीत, पूर्व अध्यक्ष दिलीप साहू अमृत, वरिष्ठ साहित्यकार वीरेन्द्र कुमार तिवारी वीरू की उपस्थिति रही।स्वागत भाषण देते हुए परिषद के अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू अंकुर ने साकेत साहित्य परिषद के छब्बीस वर्ष की यात्रा, संघर्ष एवं उपलब्धियों को रेखांकित किया। परिचर्चा का संचालन महेन्द्र कुमार बघेल वरिष्ठ साहित्यकार डोंगरगांव एवं आभार व्यक्त अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा वरिष्ठ साहित्यकार पिनकापार, बालोद ने किया। द्वितीय सत्र में साकेत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें साकेत सम्मान से सीता राम साहू श्याम वरिष्ठ साहित्यकार,पैरी, बालोद,  भूखन वर्मा हास्य कवि धामनसरा एवं लोक कलाकार देव साहू ढोडिय़ा को साकेत सम्मान प्रदान किया गया।इसमें मुख्य अतिथि के रूप में कोमल सिंह राजपूत अध्यक्ष, जिला भाजपा राजनांदगांव थे एवं अध्यक्षता दिल्लू राम साहू सरपंच, ढोडिय़ा ने की।  विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहारी पटेल, अध्यक्ष, ग्राम विकास समिति ढोडिय़ा, यादू राम निषाद, कोषाध्यक्ष, ग्राम विकास समिति ढोडिय़ा उपस्थित थे। मुख्य अतिथि कोमल सिंह राजपूत ने कहा कि साहित्य को समाज को दर्पण कहा जाता है। साहित्यकार समाज को आईना दिखाने का काम करता है। साकेत साहित्य परिषद सुरगी ने जिस प्रकार से 26 वर्ष में  अथक मेहनत से जिले ही नहीं अपितु छत्तीसगढ़ में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है वह काबिले तारीफ है।यह संस्था की समस्त सदस्यों की  सामूहिकता की भावना को दर्शाता है। और मेरा भी सौभाग्य है कि इस संस्था के वार्षिक आयोजन में 26 वर्ष में लगभग 20 वर्ष आ चुका हूं। यहां आकर मुझे एक परिवारिक माहौल मिलता है।इस सत्र का संचालन लखन लाल साहू लहर पूर्व अध्यक्ष साकेत साहित्य परिषद सुरगी एवं आभार व्यक्त सचिन  निषाद (ढोडिय़ा) कोषाध्यक्ष, साकेत साहित्य परिषद सुरगी ने किया। तृतीय सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें पचास से अधिक कवियों ने विभिन्न रसों से ओतप्रोत कविता पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डा. शंकर मुनि राय विभागाध्यक्ष, हिंदी, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव एवं  संचालन वीरेन्द्र तिवारी वीरू  वरिष्ठ साहित्यकार अर्जुनी ने किया। इस दौरान प्रभात तिवारी, गजेंद्र हरिहारनो दीप, डा. चंद्रशेखर शर्मा, डा. इकबाल खान तन्हा, शमीम अहमद सिद्दीकी,चंद्रिका प्रसाद देशमुख, जितेन्द्र कुमार पटेल,जयकांत पटेल, कुंजबिहारी साहू,  शरद यादव अक्स, मिनेश कुमार साहू, ईश्वर साहू बंधी, डा . प्रवीण साहू, इंद्रजीत दादर, ग्वाला प्रसाद यादव नटखट, संतोष ठाकुर,एस. एल. गंधर्व, हेम लाल सहारे, टिकेश्वर सिन्हा गब्दीवाला, रूपा साहू, आशा झा, चंचल साहू, सोनिया सोनी, प्रीति सरू, अलख राम यादव,राज कुमार श्याम, जसवंत मंडावी, दिनेश राजपूत,बेदराम पटेल, कन्हैया लाल मेश्राम, होरी लाल भूआर्य सहित सैकड़ों साहित्यकार एवं कलाकार की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में सफल बनाने में साकेत साहित्य परिषद सुरगी के अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू अंकुर, उपाध्यक्ष संतू राम गंजीर,पवन यादव पहुना, सचिव राज कुमार चौधरी रौना, कोषाध्यक्ष सचिन निषाद, लखन लाल साहू लहर पूर्व अध्यक्ष, संरक्षक कुबेर सिंह साहू, फागू दास कोसले,मानसिंह ठाकुर,प्यारे लाल देशमुख, वीरेन्द्र कुमार तिवारी वीरू, महेन्द्र कुमार बघेल मधु, अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा,मीडिया प्रभारी कुलेश्वर दास साहू,  सहसचिव डोहर दास साहू,पूर्व सचिव फकीर प्रसाद साहू फक्कड़, नंद किशोर साव नीरव,पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र पारख मीत, पूर्व अध्यक्ष दिलीप साहू अमृत, कैलाश साहू कुंवारा, आनंद राम सार्वा, अमृत दास साहू, मदन मंडावी, गुमान सिंह साहू,  रोशन लाल साहू, भूपेन्द्र कुमार साहू सृजन, भूपेन्द्र कुमार साहू प्रभात, शिव प्रसाद लहरे,भूखन वर्मा,  बलराम सिन्हा,रूपल साहू, सेवंत देशमुख, संतोष श्रीवास ,मनबोधी पटेल, मेघनाथ साहू खिलावन दास मानिकपुरी,धनंजय दास  मानिकपुरी,बसंत साहू ,दुष्यंत साहू, खेमलाल साहू, डेरहा निषाद, गोपी साहू, मिल्लू पटेल, मया राम साहू ,इंदु पटेल, सुरेखा निषाद ,मेनका साहू , देवचंद निषाद सहित  ग्राम  विकास समिति  ढोडिय़ा वासियों  का विशेष सहयोग रहा। इस गरिमामय आयोजन में राजनांदगांव, रायपुर, बिलासपुर,दुर्ग, बालोद, बेमेतरा,मोहला -मानपुर -अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम, खैरागढ़ -छुईखदान -गंडई  जिले से सैकड़ों साहित्यकारों एवं कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दी आभार व्यक्त कुलेश्वर दास साहू पूर्व सचिव, साकेत साहित्य परिषद सुरगी ने किया।

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