देशभर में आज करवा चौथ का पावन त्योहार उमंग और आस्था के साथ मनाया जा रहा है. 10 अक्टूबर की सुबह से ही सुहागिनों ने अपने पति की लंबी आयु, सौभाग्य और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखा है. शहरों की गलियों में मेंहदी की खुशबू और सजे हुए बाजारों का नजारा इस पर्व को और भी रंगीन बना रहा है.महिलाएं दिनभर व्रत रखकर शाम को चौथ माता की पूजा की तैयारी में जुटी हैं. पूजा के थाल में चंद्रमा की प्रतीक छलनी, दीया, करवा, मिठाई और सिंगार की वस्तुएं सजी हैं. परंपरा के अनुसार, करवा चौथ की पूजा चौथ माता, गणेशजी और चंद्रदेव की आराधना से पूर्ण होती है, लेकिन चौथ माता की आरती के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है.आरती में यह भाव व्यक्त किया जाता है कि चौथ माता पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम, वैवाहिक सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद दें. रात को जैसे ही आकाश में चांद दिखाई देगा, सुहागिनें छलनी से चंद्र दर्शन कर आरती उतारेंगी और पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ेंगी. कुछ जगहों पर मंदिरों और कॉलोनियों में सामूहिक चौथ माता आरती के आयोजन भी किए जा रहे हैं.

त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग


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