स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर बनाओ, भविष्य संवारो...
त्वरित खबरें निशा विश्वास ब्यूरो प्रमुख रिर्पोटिंग

*स्वावलंबन ही असली आज़ादी और ताक़त है।*

*पढ़ाई के साथ कमाई – यही है नया भारत का सपना।*

*स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर बनाओ, भविष्य संवारो।*

*आईटीआई का हुनर – राष्ट्र का अमूल्य गहना।*

*युवा कौशल से ही राष्ट्र की उज्ज्वल दिशा।*

ग्राम टेडेसरा के शासकीय आईटीआई में “नव कौशल, नई राह, नया हुनर” कार्यक्रम के अंतर्गत युवाओं एवं युवतियों को संबोधित करते हुए संजय चौबे, स्वावलंबी भारत अभियान के प्रांत सह समन्वयक ने बताया कि विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया।

संजय चौबे ने बताया कि केवल पढ़ाई पूरी कर लेना ही जीवन का लक्ष्य नहीं है। असली सफलता तब मिलती है जब हम अपनी शिक्षा का सही उपयोग करके रोजगार प्रदाता बनते हैं, न कि केवल रोजगार पाने वाले। स्वावलंबी भारत का सपना तभी साकार होगा जब आईटीआई से निकलने वाले युवा अपने हुनर के दम पर खुद का व्यवसाय, उद्योग और नवाचार खड़ा करेंगे।

इसी कड़ी में संजय चौबे ने विद्यार्थियों को समझाते हुए कहा  कि पढ़ाई करते समय ही कमाई के अवसर कैसे तलाशे जाएं। छोटे-छोटे प्रोजेक्ट, फ्रीलांसिंग, लोकल सर्विसेज और तकनीकी कार्यों के माध्यम से वे न केवल अनुभव प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम बढ़ा सकते हैं। इससे उनकी आत्मविश्वास बढ़ेगी और परिवार को भी आर्थिक सहयोग मिलेगा।

इसी तारतम्य में संजय चौबे, स्वावलंबी भारत अभियान के प्रांत सह समन्वयक ने बताया कि स्वदेशी उत्पादों और स्वावलंबन का महत्व युवाओं को अवश्य समझना चाहिए। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे विदेशी उत्पादों की बजाय अपने कौशल से बने स्थानीय एवं स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और प्रचारित करें। यही भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने का सबसे बड़ा माध्यम है।

इसके बाद, छात्रों को सफलता की वास्तविक कहानियां सुनाई गईं, जिनमें आईटीआई से पढ़ाई करके स्वयं का व्यवसाय खड़ा करने वाले युवाओं का उल्लेख किया गया। इन कहानियों से छात्रों को यह विश्वास मिला कि मेहनत और सही दिशा में प्रयत्न करने से वे भी अपने जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।

इस अवसर पर   शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था टेडेसरा के प्राचार्य -एस आर डोंगरे प्रशिक्षण अधिकारी -  हेमलता मंडले,  ममता बंजारे,अनीश कुमार लाजरस, भारती देवांगन, नटवर लाल कटेंद्र, अवधेश गुप्ता ,नोहर सिंह  एवं सभी ट्रेड के शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम का महत्व और अधिक बढ़ गया। शिक्षकों ने भी छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने कौशल का सदुपयोग कर स्वावलंबन की राह पर चलें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।

अंत में, संजय चौबे ने कहा कि आईटीआई के युवा यदि अपने कौशल को पहचानें, उसे निखारें और सही दिशा में लगाएं तो वे न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समाज और देश के लिए रोजगार और विकास के निर्माता बन सकते हैं। स्वावलंबन ही असली आज़ादी है और स्वदेशी अपनाना ही राष्ट्र सेवा का सबसे बड़ा मार्ग है।

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