छत्तीसगढ़- बाजार में बिक रही चाइनीज झालर और हैलोजन, डॉक्टर बोले- ज्यादा देर देखने से पड़ सकता है नींद में खलल.
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बिलासपुर: दिवाली में घर व संस्थानों को रोशन करने के लिए लोग झालर और हैलोजन की खरीदारी कर रहे हैं लेकिन इसकी रोशनी से आंखों को तो खतरा नहीं है लेकिन ज्यादा देर से इसे देखने से नींद में जरूर खलल पड़ सकती है। ये हम नहीं नेत्र विशेषज्ञ कह रहे हैं। यानी घरों को रोशन करने और खुशियां बिखरने वाले झालर से बचने की जरूरत है। हालांकि बाजार में भीड़ इतनी है कि दुकानदार खड़े होकर सामान बेच रहे हैं।

कर्मचारियों की संख्या भी दुकान में बढ़ा दी गई है। दिवाली में अब गिनती के ही दिन रह गए हैं। बाजारों में रौनक लौट आई है और लोग दिवाली की खरीदारी में जुट गए हैं। खरीदारी में अब बात हो रही है चाइनीज सामानों की। एक समय इसका खूब विरोध हुआ लेकिन दिवाली लाइटिंग का चाईनीज सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। क्योंकि सजावट की लाइटिंग के भारतीय सामानों का जो रेट है, उसकी तुलना में चाईनीज आइटम का रेट आधा है। इसी के चलते दुकानदार चाइनीज सामान धड़ल्ले से बेच रहे हैं। गोलबाजार, सदर बाजार, तेलीपारा में प्रमुख रूप से चाइनीज झालर बिक रहे हैं।

इसके अलावा सरकंडा, मुंगेली नाका, गांधी चौक, पुराना बस स्टैंड और लगभग हर चौराहे की इलेक्ट्रानिक दुकानों में चाइनीज झालर की दुकानें सज चुकी है। यहां खरीदारी के लिए भीड़ पहुंच रही है। दरअसल 2 नवंबर को धनतेरस है और इससे पहले लोग अपने घरों को रोशन करने की जुगत में लग गए है।

130 इलेक्ट्रानिक दुकानें, लाखों का व्यापार
शहर में इलेक्ट्रानिक की 130 दुकानें हैं। यहां अकेले झालर का ही व्यापार लाखों का है। सबसे ज्यादा मांग 13 मीटर लंबाई वाले 150 से 200 रुपए कीमत वाले चाइनीज झालरों की है। दुकानदारों ने बचाव की दृष्टि से दुकान में पोस्टर लगा दिया है कि माल खराब होने पर उनकी कोई गारंटी नहीं है। यह माना जा रहा है अकेले झालर का ही व्यापार करोड़ों का है। एक दुकानदार ने बताया कि 99 फीसदी तो चाइनीज झालर ही हैं, बस एक फीसदी भारत में बने झालर है और उसकी कीमत अधिक होने की वजह से चाइनीज की डिमांड ज्यादा है।
डॉक्टरों का कहना है

  • झालर से आंखों पर सीधे असर नहीं होता लेकिन ज्यादा देर देखने से नींद पर प्रभाव पड़ता है। यह एनजाइटी को इफेक्ट करता है। हालांकि हैलोजन के ज्यादा देर से संपर्क में आने से कार्निया पर असर पड़ता है। झालरों को भी ज्यादा देर देखने से बचना चाहिए। – डॉ. राहुल वर्मा, नेत्र रोग विशेषज्ञ
  • झालर देखने से आंखों को तकलीफ नहीं होती। अब तक रिसर्च में यह नहीं आया। हालांकि हैलोजन देखने से तकलीफ होती है। ग्रामीण इलाकों में कार्यक्रमों के दौरान ग्रामीण हैलोजन के नीचे बैठते हैं इससे आंख लाल हो जाती है। – डॉ. ललित माखिजा, नेत्र रोग विशेषज्ञ

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