भरगवां पशु चिकित्सालय में कब्जा, पालतू पशुओं का डेरा
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23 जून 2022

भरगवा  गांव में बने पशु चिकित्सालय परिसर में बधे पशु । संवाद 

ददरौल (शाहजहांपुर)। ददरौल के भरगवां गांव में 2012 में पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण कराया गया था। निर्माण में खामी के कारण कार्यदायी संस्था के ठेकेदार का भुगतान रोका गया है। इस कारण पशुपालन विभाग को अभी तक अस्पताल भवन हस्तांतरित नहीं हो सका। देख-रेख के अभाव में अस्पताल भवन जर्जर होने लगा है और बाउंड्रीवॉल भी टूट रही है। यही नहीं, बाढ़ में मकान कटने के बाद गांव के एक परिवार ने अस्पताल भवन परिसर में ही डेरा डाल कर उसे अपना आवास बना लिया है, जबकि अन्य ग्रामीण अस्पताल के अहाते में अपने पशु बांध रहे हैं।

देखरेख के अभाव में होने लगे कब्जे

पूर्व ग्राम प्रधान रामसेवक वर्मा के अनुसार कई वर्ष तक अस्पताल में कोई कर्मचारी के नहीं पहुंचने पर तत्कालीन डीएम और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से पत्राचार किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। भरगवां निवासी सत्यपाल सागर ने भी काफी लिखा-पढ़ी की, लेकिन अस्पताल चालू नहीं हो सका। कई ग्रामीणों ने परिसर में टूटी चहारदीवारी के पास गोबर के ढेर लगा दिए हैं और वहां उपले थोप रहे हैं।

सांसद भी देख चुके अस्पताल की दुर्दशा

भरगवां की मौजूदा ग्राम प्रधान ऊषा देवी का सारा काम उनके बेटे ऋषिपाल देखते हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव के बाद माता जी (ग्राम प्रधान) के निर्देश पर पशु अस्पताल खुलवाने के लिए सांसद अरुण सागर से अनुरोध किया था। ऋषिपाल के अनुसार करीब 20 दिन पहले सांसद ने भरगवां का दौरा कर अस्पताल भवन की दुर्दशा देखी। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया है कि अस्पताल में पशु चिकित्सा सुविधा जल्द शुरू कराई जाएगी। फिलहाल, जुआरियों और शराबियों ने अस्पताल परिसर को ही अपना अड्डा बना रखा है। गांव के वजहद अली को कार्यदायी संस्था के ठेकेदार ने अस्पताल की चौकीदारी दे रखी है।

इन गांवों के पशुपालकों को मिलेगा लाभ

भरगवां की आबादी करीब सात हजार है और गांव में विभिन्न प्रजातियों के करीब 200 पशु होने का अनुमान है। कोई पशु बीमार पड़ने पर उसे इलाज के लिए 14 किमी दूर ददरौल पशु अस्पताल ले जाना पड़ता है, लेकिन वहां बहुधा डॉक्टर और वेटनरी फार्मासिस्ट नहीं मिलते। इसलिए भरगवां अस्पताल में पशु चिकित्सा सेवाएं आरंभ होने पर आसपास के पसगवां, कासिमगंज, मौलागंज, पतेल गौंटिया, नौगवां, सिसनई, नौसारा, खिरिया, बरेंग, दुधौना, पथरा कक्ष, मोहद्दीनपुर, सिसोरा गौंटिया आदि गांवों के पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा।

भरगवां में अस्पताल भवन मेरे स्थानीय कार्यकाल से पहले बना था, लेकिन अभी तक वहां भी डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारियों के शासन से पद सृजित नहीं हुए हैं। पत्रावली की जांच कर पता लगाया जाएगा कि अस्पताल भवन विभाग को हस्तांतरित करने में क्या समस्या आड़े आ रही है। -डॉ. आरबी सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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