दुर्ग / आप ने अक्सर सुना होगा एकशब्द ‘अधिकारी’ आखिर ये अधिकारी होते कौन है | कैसे होते है अधिकारी आइये जानते दुर्ग के एक ऐसे अधिकारी के बारे में जो पेशे से सरकारी विभाग में है | कई छोटे कर्मचारी उस अधिकारी के नीचे काम करते है, इस उम्मीद से करते है की वो उनका अधिकारी है उनका कहना मानना कर्मचारियों का कर्तव्य है और जब यही अधिकारी अपने फायदे के लिए उन्ही कर्मचारियों से कुछ ऐसे कार्य करवाए जिसमे फायदा तो अधिकारी काहै पर बदनाम और बात किस पर आई उस छोटे कर्मचारी पर बिना कुछ कहे छोटा कर्मचारी लगातार अपने कर्तव्य पालन में लगा रहता है |
खैर यह तो हुई एक अधिकारी और उनके कर्मचारियों की बात अब आगे पाठको आपको बताते है कि यह दुर्ग का अधिकारी कौन है ? आखिर इनकी चर्चा इतनी क्यूँ हो रही है |
पाठको आज से पहले न आपनेकभी यह सुना होगा, न जाना होगा की जनसूचना अधिकार के तहत अगर कोई जानकारी मंगता हैतो एक शब्द होता है की जवाब दिया जा सकता है अन्यथा नही दिया जा सकता बस इतना
लेकिन एक अधिकारी को जनसूचना अधिकार में पूछे गये सवाल का जवाब देना इतना भारी पड़ गया की जिसने जानकारी मंगी थी, उसे ही अपने छोटे कर्मचारियों के साथ मिलकर मारपीट किया और तो और चोरी जैसी झूठी कहानी भी बनाई अब अधिकारी के सामने आम नागरिक का क्या ही मजाल अगर शासन इतनी दुरुस्त रहती तो हमेशा जनता शासकप्रिय रहती है लेकिन एक अधिकारी तो दुसरे अधिकारी का साथ देंगे ऐसे होता आ रहा है और होता रहेगा |
एक छोटा सा उदाहरण जब इन्ही नेताओ को सत्ता में आना रहता है तब यह जनता के सामने हाथ फैलाती है अनेक वादे करती है कि हमारी सत्ता आने पर हम आपके लिए ऐसा करेंगे वैसा करेंगे एक बारसत्ता मिलने के बाद उन्ही जनता को लाइन लगाना पडता है उसी नेता के पास और नेता जीएक बड़ा प्यारा शब्द होता है हमे कई काम है टाइम नही है | जनता परेशान होकर ऐसे ही नेताओ अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते है होता कुछ भी नही है |
ऐसे ही एक दुर्ग के अधिकारी नगर सेना कमांडेड नागेन्द्र कुमार सिंह का है | यह वह अधिकारी है जिसने अपने आपको भ्रष्टाचार में लिप्त कर रखा है, जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगे जाने पर अधिकारी ने क्रूरता की घटना को अंजाम दिया है | कार्यालय त्वरित ख़बरें अख़बार में छत्तीसगढ़ रिपोर्टर के पद पर कार्यरत कर्मचारी ने जानकारी हेतु जनसूचना अधिकार के तहत कुछ विषयों पर जानकारी मांगी जब से आर टी आई लगा था,तब से नगर सेना कमांडेड नागेन्द्र कुमार सिंह जानकारी लेने वाले के तलाश में जुट गया था कि कौन है जिसने जानकारी मांगी है| कभी वह कार्यालय प्रमुख प्रधान संपादक को संपर्क करता तो कभी किसी और सेजानकारी जुटाने लगा कि वह कौन है जिसने नगर सेना कार्यलय से जानकारी चाही है ,वह व्यक्ति कौन है ? दिनांक 31/10//2022 को जवाब दिया जाना सुनिशिचित हुआ उक्त कार्यालय में उपस्थित होने कहा गया समय दोपहर 11 बजे करीब आर टी आई कर्ता भूपेन्द्र सिंह अपने साथी कर्मचारी लता श्रीवास्तव के साथ नगर सेना कार्यालय पहुचे वहां पर जवाब के 40 रूपये जमा करने के लिए कहा गया और शाम को आकर जवाब ले जाने का कहा गया क्यूंकि अधिकारी नगर सेना कमांडेड नागेन्द्र कुमार सिंह कार्यालय में उपस्थित नही थे | उसी दिन शाम को जवाब लेने जाना है लेकिन आर टी आई कर्ता को बाहर काम से जानाथा तो जवाब लेने निशा बिस्वास और लता श्रीवास्तव नगर सेना कार्यालय पहुचे | जैसेवे दोनों पहुचे तब नगर सेना कमांडेड नागेन्द्र कुमार सिंह के कार्यालय के बाहर उपस्थित गार्ड ने मिलने का परमिशन लिया तब दोनों महिला कमांडेड कक्ष में प्रवेश किया नगर सेना कमांडेड नागेन्द्र कुमार सिंह ने महिलाओ को एक ही शब्द में जवाब देते हुए कह दिया की जिसने आर टी आई लगाया है मैं जवाब उसी को दूंगा देखूं तो जरा वह कौन है जिसको जवाब चाहिए कहते हुए महिलओं को कक्ष से बहार जाने को कहा | कक्ष के बाहर आते ही महिलाओं ने पूरी जानकारी अपने प्रधान संपादक को दिया साथ ही भूपेन्द्र सिंह को भी दिया जरुरी काम से बाहर जा रहा भूपेन्द्र सिंह अपने काम को छोड़कर जवाब लेने नगर सेना कार्यालय पहुँचा | फिर से बाहर उपस्थित गार्ड ने अन्दर अपने अधिकारी की अनुमति लिया और भूपेन्द्र सिंह को अन्दर जाने को कहा भूपेन्द्र सिंह का फ़ोन बंद हो गया था जिस कारण से साथी महिला कर्मचारी निशा बिस्वास का फ़ोन लेकर नगर सेना कमांडेड कक्ष में प्रवेश किया | कक्ष में कमांडेड के साथ अन्य तीन व्यक्ति पहले से उपस्थित थे जैसे ही भूपेन्द्र सिंह कक्ष में प्रवेश किया कमांडेड के आदेश पर उसके द्वारा रखा हुआ फ़ोन ले लिया गया और बाहर रखवा दिया गया | जैसे ही बातचीत शुरू हुआ जान पहचान की बाते की हुई कमांडेड के इशारे करने से कमरे में उपस्थित दो व्यक्ति ने तामेश को बैठे हुए कुर्सी को लात मारकर नीचे गिरा दिया और भूपेन्द्र सिंह का हाथ पकड़ कर रखा उपस्थित अन्य तीसरा व्यक्ति विडियो बना रहा था और कमांडेड ने अपने जुटे से भूपेन्द्र सिंह के मुंह को दबा रखा था | हाथ उठाते हुए कमांडेड ने अपने कर्मचारियों को आदेश दिया कि थाना पद्मनाभपुर में फ़ोन लगा के कहो कि भूपेन्द्र सिंह नाम का व्यक्ति पर्स चोरी कर भागने लगा इसलिए उसे पकडे है बोलकर थाना पद्मनाभपुर में फ़ोन किया गया | अपने आपको बचाने भूपेन्द्र सिंह ने आवाजे लगायी कमरे से काफी गाली गलोच की आवाजे आ रही थी | कमरे के बाहर उपस्थित अख़बार कार्यालय से गयी हुई महिला कर्मचारी निशा एवं लता ने सब कुछ सुना तुरंत अपने प्रधान संपादक को फ़ोन किया | प्रधान संपादक ने तुरंत थाना पद्मनाभपुर के थाना प्रभारी को कॉल कर सारी जानकारी दी एवं नगर सेना कार्यालय के लिए अपने संपादक के साथ निकल गये | जैसे ही नगर सेना कार्यालय पहुचे मेन गेट में खड़े गार्ड ने अन्दर जाने से मना कर दिया | इसका विरोध भी किया गया की हमारा कार्यालय का व्यक्ति भूपेन्द्र सिंह अन्दर है और उसके साथ कोई अनुचित घटना हो रही है हमे अंदर जाने दिया जाय गार्ड ने कहा की कमांडेड सर का आदेश है की किसी को अंदर नही जाने देना है | कुछ समय बाद थाना पद्मनाभपुर से 112 की गाड़ी नगर सेना कार्यालय के अन्दर प्रवेश हुई जिसमे भूपेन्द्र सिंह को बैठाकर पुलिस गाड़ी जाने लगी भूपेन्द्र सिंह के द्वारा आवाज लगाया गया जिसे देखकर पुलिस गाड़ी के पीछे - पीछे त्वरित ख़बरें अख़बार की टीम थाना पहुची जहाँ पर सभी के द्वारा देखा गया कि भूपेन्द्र सिंह के दाहिने गाल से खून आ रहा था | भूपेन्द्र सिंह ने उक्त घटना की सारी जानकारी दी |लेकिन बात तो वही हुई की एक अधिकारी दुसरे अधिकारी का साथ देते नजर आई भूपेन्द्र सिंह ने जब सारी बाते पुलिस को बताई लेकिन पुलिस सुनकर चुप्पी साध ली और कमांडेड ने जब थाना प्रभारी को कहा की भूपेन्द्र सिंह नाम का व्यक्ति आर टी आई का जवाब लेने आया था और जब मैं वाशरूम जाने के लिए अपना पर्स टेबल पर रखकर गया तो आते देखा तो पर्स टेबल पर नही था और भूपेन्द्र सिंह भाग रहा था जिसे मेरे सैनिको ने पकड़ा और भूपेन्द्र सिंह ने धमकी दिया यह सब बाते कहकर भूपेन्द्र सिंह पर चोरी का झूठा इल्जाम लगवाया | थाना प्रभारी ने भी कमांडेड के कहे अनुसार झूठा151 की धारा लगाकर कार्यवाही की रातभर थाने में रखा जबकि भूपेन्द्र सिंह ने कहा भी कि मुझे चोट आई है मेरा मुलायजा करवा दीजिये जिस पर पुलिस वालों ने कहा 151 जैसी धारा पर मुलायजा नही होता है | अगले दिन 3.30 बजे करीब भूपेन्द्र सिंह को दुर्ग एसडीएम के यहाँ से जमानत मिली और अपने प्रधान संपादक के साथ जिला चिकित्सालय जाकर चोट का उपचार करवाया डॉक्टर ने भी कहा की मारपीट का निशान है |
अब बात मुद्दे की यह है की नगर सेना कमांडेड नागेन्द्र कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा है की भूपेन्द्र सिंह ने उनका पर्स चोरी कर भागने की कोशिश की है तो चोरी का रिपोर्ट दर्ज होना चाहिए था | थाने में 151 की धारा में कार्यवाही हुई यह समझ से परे है | अब यहाँ झूठा कौन है आप सभी पाठक समझ सकते है | जिला सेनानी कमांडेट नागेन्द्र कुमार सिंह के विरुद्ध शिकायत आवेदन भी दिया लेकिन वहां भी अधिकारी पक्ष बचाव में काम आ रहा है | अभी तक अधिकारी कार्यवाही करने में असमर्थ है लगता है जिला सेनानी का खौफ अधिकारियों में इतना है की कार्यवाही में अपनी असमर्थता दर्शा रहे है |
ऐसे ऐसे हजारो बिल हमारे पास मौजूद है जिससे साफ़ हो रहा है की कैसे फर्जी बिल लगाकर सरकारी धन पास हुआ हैऔर उसका उपयोग कहा हुआ है |
इस समाचार के माध्यम सेकिसी अन्य अधिकारियों को ठेस नही पहुचा रहे है जिस अधिकारी ने जिले के बड़े पद में बैठकर अपार फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है | और यही नही जब आर टी आई के द्वारा जानकारी चाहा तो एक जनसूचना अधिकारी होते हुए आर टी आई कर्ता पर हाथ उठाया यह तो गलत बात है जब वह गलत है तभी तो जवाब देने के बजाय मारपीट किया आजतक न जाने कई लोग जनसूचना अधिकार के तहत जानकारी लिए होंगे लेकिन ऐसी घटना पहली बार सुनने को मिला |
हम प्रदेश की सरकार से आशा करते है जिले के एवं विभाग के अधिकारी तो कार्यवाही करने में असमर्थ निकले इसलिए प्रदेशकी सरकार ही उचित न्याय करें |
जब हमने जिला सेनानी के द्वारा किये गए फर्जीवाड़ा के लिए जब त्वरित ख़बरें की टीम मुहल्ले एवं आस पास के क्षेत्र के दुकानदारो से जैसे उरला में पता किया गया तो पाया की जिस दुकान के नाम का बिल फर्जी बनाकर पैसा निकाला गया ,वह दुकान उरला में कही पर नही है |जिला जिला सेनानी का कर्मचारी एवं कर्मचारी का पुत्र मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिए है और भी दुकानों के बिल लगाकर सरकारी पैसे की उगाही किये है इसकी जानकारी डीजी नगर सेनानी एवं आपात कालीन अग्निशमन नया रायपुर, ईडी,आर्थिक अपराध अन्वेषण रायपुर,दुर्ग कलेक्टर,दुर्ग पुलिस अधीक्षक, अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायत किया गया लेकिन कार्यवाही अभी तक नही हुई है | अगर ऐसे ही कुछ अधिकारी मिलकर ऐसे ही भ्रष्टाचारी करेंगे तो छत्तीसगढ़ को खोखला होने से नही रोक सकता | हमारे छ.ग. के सीएम, डीप्टी सीएम जिअसे राजनीतिज्ञ के द्वारा छ.ग.को सजाने सवारने एवं प्रगति की और ले जाने में कांगेस सरकार पूर्ण भूमिका निभा रही है लेकिन नागेन्द्र कुमार सिह जिला सेनानी नगर सेना दुर्ग के द्वारा प्रदेश को खोखला करने में प्रयत्न नही छोड़ रहे है | जिला सेनानी के द्वारा अपने कर्तव्यो का पूर्ण दुरूपयोग करते हुए अपने पद का दुरूपयोग सरकारी धन को अपने फायदे के लिए छ.ग.की जनता के द्वारा दिए गये पैसो का दुरूपयोग धडल्ले से किया जा रहा है| अगर जिला सेनानी के बैंक डिटेल एवं परिवार के सदस्यों के बैंक डिटेल खंगाले जाय तो पता चलेगा की कितना काला धन अर्जित करके रखा गया है और सरकार का धन जो शासकीय कार्यो के लिए आता है वह किन कार्यो में उपयोग होता है इसकी सत्यता सामने आ जाएगी |
ये है फर्जीवाड़े इस जिला सेनानी कमांडेट नागेन्द्र कुमार सिंह के देखे जरा गौर से

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