राजनांदगांव- दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारा 16 से 20 नवम्बर तक बालक वर्ग की सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस प्रतियोगिता में देश-विदेश के 20 क्लस्टर की 41 विजेता और उपविजेता टीमों ने भाग लिया है। जिसमें 600 खिलाड़ी, प्रशिक्षक मैनेजर, 60 अम्पायर्स एवं रेफरी भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता के मैचेस दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनांदगांव के दो मैदान एवं सांई ट्रेनिंग सेंटर राजनांदगांव के आठ मैदान पर खेले जाएंगे।
मुख्य अतिथि लूईस जॉर्ज महासचिव व्हीलचेयर बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया, विशिष्ट अतिथि संतोष कुमार सिंह सीबीएसई आब्जर्वर, डॉ. आशिष जीवनमाल एमबीबीएस एमडी एनेसथिसिया, अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षक कालवा राजेश्वर राव सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे। आए हुए अतिथियों का स्वागत शाला के निदेशक एवं प्राचार्य निर्मला सिंह ने पुष्प गुच्छ से किया। मुख्य अतिथि लूईस जॉर्ज ने खिलाडिय़ों को खेल भावना के साथ अनुशासन में रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए हमें तुलानात्मक अध्ययन करने की आवश्यकता है। हम किसी से तुलना करके आगे बढऩे की प्रेरणा लेते हैं। सीबीएसई ऑब्जर्वर संतोष कुमार सिंह ने खिलाडिय़ों को लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसी भी विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि हार के बाद ही जीत है।
डॉ. आशिष जीवनमल ने कहा कि खेल से हमें जीवन में अनुशासित रहने की शिक्षा मिलती है। आपस में सहयोग की भावना बढ़ती है और अनेकता में एकता की भावना विकसित होती है। शाला के निदेशक अभिषेक वैष्णव ने डीपीएस परिवार की तरफ से सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह डीपीएस राजनांदगांव के लिए गौरव का विषय है कि हमें आतिथ्य सत्कार करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। खेल के माध्यम से शारीरिक स्वस्थता के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है।
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है अत: सार्वांगीण विकास के लिए जीवन में खेल की अहम भूमिका रही है। शाला की प्राचार्य निर्मला सिंह ने आए हुए कोच रेफरी एवं खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। शाला के छात्र कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा आए हुए अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।
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