राजनांदगांव की शिक्षिका एवं लोक गायिका श्रीमती सपना सिंह सी सीआर टी केंद्र दमोह में लोकगीतों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को प्रस्तुत किया...
त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग

राजनांदगांव : प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में विद्यालयों की भूमिका पर 10 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सीसीआरटी केंद्र दमोह में संपन्न हुआ यह आयोजन सांस्कृतिक स्तोत्र एवं प्रशिक्षण केंद्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा क्षेत्रीय केंद्र दमोह में 26 अगस्त से 4 सितंबर 2025 तक हुई इसमें देश के 10 राज्यों से 65 शिक्षकों ने भाग लिया श्रीमती सपना सिंह शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओडारबांध विकासखंड डोंगरगांव जिला राजनांदगांव में पदस्थ है इस कार्यशाला में श्रीमती सपना सिंह छत्तीसगढ़ की विभिन्न विधाएं सुआ करमा ददरिया पंथी को अपने गीत एवं नृत्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में प्रस्तुतीकरण की सपना सिंह लोक गायन के साथ शास्त्रीय गायन में भी पारंगत है इन्होंने खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से शास्त्री गायन में एम ए की शिक्षा ग्रहण की है वह लोक गायन में करीब 1000 से अधिक मंचीय प्रस्तुति दे चुकी है लोक गायन के साथ छत्तीसगढ़ी गीतों की रचना भी करती हैं लोक गाथा ढोला मारू भी वे गाती है 2004 एवं 2005 में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में अपनी प्रस्तुति दे चुकी है विभिन्न राज्यों की कला संस्कृति को समझने का इन्हें यहां सुखद अवसर मिला सृजन और संस्कृति के इस उत्सव में विभिन्न राज्यों से आए हुए शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रोजेक्ट कार्य पाठ योजनाएं वर्कशीट्स तैयार कर कला संस्कृति पर प्रकाश डाला शैक्षणिक विजिट के अंतर्गत इन्होंने खजुराहो की अद्भुत कला की बारीकियां देखी सांस्कृतिक विरासत पर विभिन्न व्याख्यान सुने इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में अपने बच्चों के साथ कैसे इसको सार्थक एवं प्रभावी बनाया जाए इस पर चर्चा हुई आयोजन का संचालन देवनारायण रजक एवं त्रिपाल सिंह ठाकुर सर के द्वारा किया गया अंतिम दिवस मुख्य अतिथि के रूप में वाय ए कुरैगी दमोह जिला जनसंपर्क प्रशासनिक अधिकारी रहे जहां पर श्रीमती सपना सिंह को मंच संचालन का दायित्व सोपा गया और इस तरह यह 10 दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई।।

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