दुर्ग : त्योहारी भीड़भाड़ की स्थिति में भी यातायात पुलिस, जिला दुर्ग द्वारा ऑपरेशन सुरक्षा के अंतर्गत जन-सुरक्षा एवं आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित कार्यवाही की गई। दिनांक 27 सितम्बर 2025 को यशोदानंदन अस्पताल, दुर्ग में भर्ती 15 दिन की बच्ची भारती सिंह गंभीर श्वसन समस्या एवं फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थी। चिकित्सकों द्वारा उसे उन्नत चिकित्सा सुविधा हेतु बाल गोपाल अस्पताल, रायपुर रेफर किया गया। नवरात्रि महोत्सव के कारण दुर्ग-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी यातायात दबाव होने के बावजूद यातायात पुलिस ने तत्काल ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर एम्बुलेंस को पुलिस वाहन द्वारा पायलटिंग प्रदान की। मार्ग में यातायात को नियंत्रित करते हुए एम्बुलेंस को सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुँचाया गया, जिससे शिशु मरीज को आवश्यक उपचार समय पर उपलब्ध हो सका।
दिनांक 26 सितम्बर 2025 को नेहरू नगर हाईवे पर यातायात पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को 11 वर्षीय बालक सतीश मरकण्डेय मिला। वह अपनी माता के साथ दुर्गा पूजा की झांकी देखने निकला था तथा भीड़ में उनसे बिछड़ गया था। पूछताछ में बालक द्वारा बताए गए अधूरे मोबाइल नंबर को व्यवस्थित कर पुलिस ने संपर्क स्थापित किया और सत्यापन उपरांत बालक को उसकी माता के सुपुर्द किया गया।
इसी प्रकार दिनांक 25 सितम्बर 2025 को भिलाई के बीएसएनएल चौक, सेंट्रल एवेन्यू पर ड्यूटी के दौरान यातायात पुलिस को 6 वर्षीय बालक प्रणव ध्रुव मिला। बच्चे से पूछताछ कर उसके परिजनों का पता लगाया गया और आवश्यक सत्यापन के बाद उसे सुरक्षित रूप से परिवार को सुपुर्द किया गया।
उपरोक्त सभी घटनाओं में यातायात पुलिस की पेट्रोलिंग व चेकिंग टीमें मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप त्वरित पहचान, संपर्क व सत्यापन कर के बच्चों को सुरक्षित रूप से उनके परिवारों को सौंपने में सक्षम रहीं। इन मानवीय एवं आपातकालीन कार्यवाहियों को ऑपरेशन सुरक्षा के व्यापक ढांचे में शामिल किया गया है ताकि भीड़-भाड़ एवं त्योहारी दबाव के दौरान भी जीवनरक्षा तथा जन-सुरक्षा सुनिश्चित रह सके।
अपील:-
यातायात पुलिस, जिला दुर्ग सभी नागरिकों से अनुरोध करती है कि:
1. आपातकालीन वाहनों (एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि) को मार्ग देने में सक्षम सहयोग प्रदान करें। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर प्राथमिकता देने से जीवनरक्षक सेवाएँ समय पर पहुँच पाती हैं।
2. बड़ी भीड़ वाले आयोजनों/झांकियों में बालक/बालिकाओं के साथ संपर्क विवरण (अभिभावक का नाम व संपर्क नम्बर) साझा कराना सुनिश्चित करें और बच्चों के पास पहचान पत्र अथवा अभिभावक का मोबाइल नम्बर लिखवाना/टाइप करवा कर रखना चाहिए।
3. किसी भी खोए/भटके हुए बच्चे की सूचना मिलने पर निकटतम पुलिस/ट्रैफिक टीम को तुरन्त सूचित करें — आपकी सूचनात्मक अग्रिमता तत्काल मिलान व पुनर्मिलन में सहायक होगी।
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