एंबुलेंस चालक ने किया मना तो गर्भवती महिला को प्रसव के लिए और प्रसव के बाद नवजात शिशु को लेकर ट्रैक्टर से पार करना पड़ा उफनती नदी...
त्वरित खबरें राहुल ओझा ब्यूरो प्रमुख रिर्पोटिंग

एंबुलेंस चालक ने किया मना तो गर्भवती महिला को प्रसव के लिए और प्रसव के बाद नवजात शिशु को लेकर ट्रैक्टर से पार करना पड़ा उफनती नदी...

  डोंगरगढ़- विकासखंड अंतर्गत ग्राम कोलिहापुरी (मुसरा) से दिल दहला देने वाला दृश्य देखने को मिला। गर्भवती महिला पविता वर्मा पति लुकेश वर्मा को डिलीवरी के लिए उफनती नदी पार करके हॉस्पिटल जाना पड़ा और डिलीवरी के बाद भी नवजात शिशु को लेकर पुनः उफनती नदी को ट्रैक्टर से पार करना पड़ा। क्योंकि कोलिहापुरी नदी पर बने कम ऊंचाई के पुल में तेज बहाव के कारण एंबुलेंस के चालक ने पुल पार करने से मना कर दिया तो गर्भवती महिला के पति ने महिला को ट्रैक्टर से नदी पुल को पार किया उसके बाद एंबुलेंस से हॉस्पिटल ले जाया गया और यही स्थिति डिलीवरी के बाद भी महिला और नवजात शिशु को लेकर ट्रैक्टर से ही उफनते नदी पुल को पार करने के बाद कार के माध्यम से घर ले गया।

मैदानी क्षेत्र में बसे होने के बाद भी विकास की दृष्टि से अछूता कोलिहापुरी गांव से बाहर निकलने के लिए तीन रास्ते हैं लेकिन तीनों पर नदी है जहां छोटा रपटा स्टाप डैम बना हुआ है। बरसात के मौसम में लगभग 3 महीने इस पुलिया के ऊपर से पानी चलता है और पूरा गांव इतने दिनों तक टापू बना रहता है। ग्रामीणों ने मीडिया से अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि उस पुराने नदी पुल को तोड़कर अधिक ऊंचाई वाले पुल निर्माण के लिए कई बार क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू एवं प्रशासनिक अधिकारियों से आवेदन निवेदन किया गया लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। मात्र 2 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस गांव के लोग वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर पुल को पार करने मजबूर हैं। इस गांव में कम से कम तीन रास्तों में से किसी एक रास्ते पर भी ऊंचे पुल का निर्माण हो जाता तो लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से गुहार लगाई कि इस मामले पर संज्ञान लें और जल्द से जल्द इस रास्ते पर एक पुल का निर्माण करवाएं।

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