ब्रिटेन में फैला मंकी पॉक्स:अब तक 7 लोग संक्रमित, इस हफ्ते मिले सभी 4 मरीज गे या बायसेक्शुअल
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20 मई 2022

कोरोना से पीछा छूटा नहीं कि अब ब्रिटेन में मंकी पॉक्स नाम की बीमारी पैर पसारने लगी है। UK हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) का कहना है कि अब तक सात लोगों में इसका संक्रमण पाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हफ्ते संक्रमित हुए चारों मरीज खुद को गे या बायसेक्शुअल आइडेंटिफाई करते हैं। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स ने गे पुरुषों को आगाह भी किया है।


पहले जान लें, क्या है मंकी पॉक्स?

मंकी पॉक्स का वायरस स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।

मंकी पॉक्स का वायरस स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।

यह बीमारी मंकी पॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह इन्फेक्शन ज्यादा गंभीर नहीं है और इसके फैलने की दर भी काफी कम है। फिलहाल मंकी पॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसकी दो मुख्य स्ट्रेंस भी हैं- पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी।

यह बीमारी 1970 में पहली बार एक कैद किए गए बंदर में पाई गई थी, जिसके बाद यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गई थी। 2003 में पहली बार अमेरिका में इसके मामले सामने आए थे। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था, जिसके 75% मरीज पुरुष थे। ब्रिटेन में इसके मामले पहली बार 2018 में सामने आए थे।

ऐसे फैलती है बीमारी

एक्सपर्ट्स का मानना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित बंदर, गिलहरी या मरीज के संपर्क में आए बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकता है।

ब्रिटेन में कैसे संक्रमित हुए मरीज?

यह बीमारी 1970 में पहली बार एक कैद किए गए बंदर में पाई गई थी, जिसके बाद यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गई थी।

यह बीमारी 1970 में पहली बार एक कैद किए गए बंदर में पाई गई थी, जिसके बाद यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गई थी।

UKHSA ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि मरीजों में मंकी पॉक्स कैसे फैला, इसकी जांच की जा रही है। इस हफ्ते मिले चारों मरीज पुरुष हैं और इनमें से तीन लंदन और एक उत्तर पूर्वी इंग्लैंड का है। कहा जा रहा है कि इनमें से किसी ने भी हाल में अफ्रीकी देशों की यात्रा नहीं की है।

इन सभी ने खुद को गे या बायसेक्शुअल आइडेंटिफाई किया है। इसका मतलब कि इन पुरुषों ने पुरुषों के साथ संबंध बनाए हैं। हालांकि, अब तक मंकी पॉक्स को यौन संबंधित बीमारी नहीं माना गया है। फिर भी हेल्थ एक्सपर्ट्स ने गे और बायसेक्शुअल पुरुषों को चेतावनी दी है कि वे कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत सेक्शुअल हेल्थ चेकअप कराएं।

उधर, पिछले हफ्ते पाए गए तीन मरीजों में से एक ने नाइजीरिया की यात्रा की थी। माना जा रहा है कि उसे मंकी पॉक्स यात्रा के दौरान ही हुआ था। बाकी दो मरीज एक साथ रहते हैं।

मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स में चेहरे पर एक तरह के दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं।

मंकी पॉक्स में चेहरे पर एक तरह के दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं।

UKHSA के मुताबिक, मंकी पॉक्स के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई ग्रंथियां शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर एक तरह के दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

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