सड़कों पर सिर्फ गड्ढे बचे महापौर बोलीं-पूर्व सरकार में घटिया काम हुआ
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28 जुलाई 2022

शहर की सड़कें लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बजट के इंतजार में सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी। कुछ हिस्सों में पैच वर्क की औपचरिकता की गई। लेकिन तेज बारिश में वह भी धुल गया है। हालात यह है कि इन सड़कों में अब सिर्फ गड्‌ढे ही हैं। सड़कों की इस स्थिति से लोगों की समस्या बढ़ी हुई है। बारिश के दौरान गड्‌ढे वाली सड़कों से आवाजाही मुश्किल साबित हो रही है। हर समय हादसे का भी खतरा बना रहता है। इन सड़कों से पैदल आवाजाही तो और भी जोखिम भरा है।

यह स्थिति एक दो या तीन हिस्सों में नहीं बल्कि शहर के ज्यादातर हिस्सों में है। भाजपा पार्षद दल ने आरोप लगाया है कि महापौर सड़कों की मरम्मत कराने में सक्षम नहीं है। अपने ही सरकार से बजट नहीं ला पा रही है। इसका सीधा नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। वहीं महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि सड़कों के निर्माण के लिए 6 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। महापौर देशमुख ने कहा कि पूर्व सरकार ने गुणवत्ता को इतनी बुरी तरह दरकिनार किया गया था, कि पूरे शहर की सड़कें जर्जर हो गई हैं।

पैचवर्क के नाम पर डस्ट डाला शहर की बदहाल: सड़कों को लेकर राजनीति भी तेज हो गई। नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने बदहाल सड़कों को महापौर की कमजोरी बताई। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायत सामने आने पर पैचवर्क की औपचारिकता पूरी की गई। इसके नाम पर भी केवल डस्ट डाला गया। जो बारिश होते ही धुल गई है। इसके चलते सड़क फिर से बदहाल स्थिति में आ गई है। पार्षदों को जनता की शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सत्ता पक्ष मौन साधे हुए हैं।

पार्षदों को 6-6 लाख जारी, 6 करोड़ भी मिले

महापौर हेमा देशमुख ने बताया कि राज्य सरकार ने पार्षदों को 6-6 लाख रुपए की राशि उनकी निधि के लिए जारी किया है। यह राशि सभी पार्षदों को मिली है। इससे मूलभूत दिक्कतों को दूर किया जाना है। इसके अलावा निगम को 6 करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई है। इससे सड़कों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बारिश के बाद सड़कों का निर्माण भी शुरू कर दिया जाएगा। महापौर ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया और भाजपा कार्यकाल में हुए काम की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।

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