प्रोजेक्टर से दिखाई रामकथा :भांचा राम के प्रसंगों को घर-घर पहुंचाने अभियान....
त्वरित ख़बरें - निशा बिस्वास छत्तीसगढ़ ब्यूरो

दुर्ग- माता कौशल्या का मायके दंडकारण्य को माना गया है। इस आधार पर छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांचा राम कहा जाता है। उनके 14 वन वर्ष के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में बिताए गए समय को हर घर तक पहुंचाने की मुहिम राज्य सरकार ने शुरू की है। इसे लेकर भांचा राम के प्रसंगों को समाहित कर रामकथा की प्रस्तुति दी जा रही है।

राजेंद्र पार्क दुर्ग में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रसंगों का वर्णन किया गया। आयोजन में विधायक अरुण वोरा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू, महापौर धीरज बाकलीवाल, आरएन वर्मा, प्रतिमा चंद्राकर, प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर प्रमुख रूप से शामिल हुए। रामायण महोत्सव का लाइव प्रसारण किया रायगढ़ से किया गया। संगठन के सेंट्रल अध्यक्ष दीपक जैन व उपाध्यक्ष चंद्रमोहन गबने ने बताया कि मंत्रमुग्ध करने वाले भजनों के बीच प्रसंग का वर्णन किया गया। चंद्राकर ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में भांजे को भगवान तुल्य माना जाता है।

इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय रामायण प्रतियोगिता का आयोजन किया है। कंबोडिया और इंडोनेशिया के अलावा देश के अलग-अलग कोने से आए कलाकार इसमें प्रस्तुति दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में यह कथा आयोजित की जा रही है।

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