30 जुलाई 2022
कर्ज वसूली एजेंसी के फर्जीवाड़े से न सिर्फ आम आदमी परेशान है, बल्कि एक खबर सामने आई है कि कर्ज वसूली एजेंसी ने एक मंत्री और एक पूर्व मंत्री को फोन कर परेशान किया. इन दोनों नेताओं को एक ऋण वसूली एजेंसी से कई फोन आए, जिसमें मांग की गई कि वे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिए गए पैसे को चुका दें. साथ ही गाली-गलौज और धमकी भी दी.
दरअसल, आंध्रप्रदेश के नेल्लोर के अशोक कुमार नाम के शख्स ने एक लोन ऐप का इस्तेमाल कर 9 लाख रुपये उधार लिए थे. इसे वापस करने में विफल रहा. लोन ऐप ने तब उन लोगों से संपर्क किया जो अशोक के मोबाइल फोन की संपर्क सूची में थे. उन्होंने राज्य के मंत्री के नंबर पर फोन किया जो अशोक की कॉल लिस्ट में दर्ज था.
पूर्व मंत्री पी अनिल कुमारकी शिकायत के आधार पर, नेल्लोर पुलिस ने चार लोगों को ब्लैकमेल करने और प्रमुख व्यक्तियों को परेशान करने के आरोप में गिरफ्तार किया. वहीं अनिल कुमार ने पुलिस को एक ऑडियो क्लिप भी दिया, जिसमें एक महिला कॉलर को साफ सुना जा सकता है. जबकि महिला एक निजी बैंक से होने का दावा करती है.
बता दें कि अनिल कुमार जगन मोहन रेड्डी कैबिनेट में जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं. कई मिनट तक अनिल कुमार ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि उनका किसी भी तरह से कर्ज से कोई लेना-देना नहीं है और यह भी कहा कि वह एक विधायक हैं.
व्यक्ति ने अलग-अलग नंबरों से किए कॉल
इसी तरह, कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी को भी इसी तरह के फोन आए. कृषि मंत्री काकानी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मैं एक आधिकारिक कार्यक्रम में था, इसलिए मेरे निजी सहायक ने कॉल का जवाब दिया.
आगे उसने कहा कि पीए को ऋण के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन मेरे पीए ने फोन करने वाले से कहा कि वह उस व्यक्ति को कभी नहीं जानता जिसने ऋण लिया था. फिर भी वह व्यक्ति अलग-अलग नंबरों से कॉल करता रहा. हद तो तब हो गई जब शुक्रवार को मंत्री ने कर्ज वसूली एजेंटों से कुल 79 कॉल किए.
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में कर्ज लेने वाले का नाम भी अशोक कुमार बताया गया था. इस बात से निराश होकर उन्होंने मामले की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक से की. एसपी सी विजया राव ने तुरंत एक जांच शुरू की और एक तकनीकी टीम की मदद से चेन्नई में एक एजेंसी को नंबरों का पता लगाया. विजया राव ने बताया कि चेन्नई में कोलमैन नाम की कर्ज वसूली एजेंसी से फोन आए थे.
चार लोगों को गिरफ्तार किया
एसपी ने कहा कि हमने तुरंत एक टीम भेजी और चार लोगों को एजेंसी से गिरफ्तार किया. वे अलग-अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे थे और प्रमुख व्यक्तियों को बार-बार फोन कर रहे थे, शायद कर्ज लेने और ब्लैकमेल करने की उनकी रणनीति है. उन्होंने कहा कि मामले में व्यापक जांच चल रही है, जबकि आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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