कोर्ट का कड़ा संदेश- मासूमों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करेगा तो उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा'
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कोटा 11  मई  2022

पोक्सो कोर्ट ने 6 साल की मासूम से दुष्कर्म करने के आरोपी मौलवी को सजा सुनाते वक्त कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि अभियुक्त द्वारा धार्मिक शिक्षक जैसे पवित्र पद पर रहते हुए 6 साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाकर ना केवल धर्म गुरुओं के प्रति आम जनमानस की पवित्र भावनाओं को गंभीरता पूर्वक आहत किया। बल्कि मासूम पीड़िता के मन मस्तिष्क पर भी अपने कुकृत्य की ऐसी राक्षस छाप छोड़ी है जिसे संभवत मासूम आजीवन नहीं बुला सकेगी।

कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मासूम पीड़िता को भविष्य में प्रत्येक धर्म गुरु और धर्म का उपदेश देने वालों के चेहरों में दुष्ट अभियुक्त मौलवी का राक्षसी चेहरा ही दिखेगा। यही कारण है कि जब पीड़िता से प्रतिपरीक्षण में यह पूछा गया कि अभियुक्त उसे बेटी की तरह प्यार करता था, तो पीड़िता ने तुरंत इंकार कर दिया। पीड़िता का यह आचरण अभियुक्त के प्रति घृणा को दर्शाता है। ऐसी दशा में न्यायालय अभियुक्त को कठोरतम दंड से दंडित करना न्यायसंगत पाता है। ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति, पवित्र धार्मिक पद पर बैठकर ऐसे पैशाचिक कृत्य को करने की हिम्मत न जुटा सके।

फैसले में कोर्ट ने समाज को कड़ा संदेश दिया है कि मासूमों के साथ गलत कार्य करना बच्चों का खेल नहीं है,अगर कोई भी व्यक्ति मासूमों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करेगा,लैंगिक छेड़छाड़ करता है तो किसी भी हालत में उसे बख्शा नहीं जाएगा। लैंगिक अपराध के लिए बच्चे सॉफ्ट टारगेट नहीं है। इस केस में मासूम पीड़िता ने हिम्मत दिखाई और परिजनों को सारी बात बताई। परिजनों ने भी थाने में सही समय पर रिपोर्ट दर्ज करवाई।

ये था मामला

नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के 5 माह पुराने मामले में पोस्को कोर्ट क्रम 3 ने आरोपी को सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश दीपक दुबे ने आरोपी अब्दुल रहीम (43) निवासी रामपुरा (कोटा) को अंतिम सांस तक (आजीवन) कारावास की सजा व 1 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है। अब्दुल रहीम पेशे से उर्दू टीचर था। बच्चों को उर्दू पढ़ाता था। उसने ट्यूशन पढ़ने आई 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया था।

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