जंगल कटने से 10 हजार लोगों का पलायन; जाजंगीर-चांपा में होगा जल संकट
त्वरित ख़बरे/हसदेव अरण्य बचाने 13 को अंबिकापुर में AAP का प्रदर्शन:

हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने के लिए देश भर में विरोध शुरू हो गया है। अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने कोल ब्लॉक आबंटन व जंगलों की कटाई के विरोध में 13 मई को दोपहर 12 बजे अंबिकापुर में बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसमें पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश भर के लोग एकत्रित होंगे। इस दौरान सभा और रैली कर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।


परसा कोल ब्लॉक के नाम पर हरे भरे पेड़ों की हो रही कटाई

परसा कोल ब्लॉक के नाम पर हरे भरे पेड़ों की हो रही कटाई

AAP की प्रदेश प्रवक्ता व अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने को लेकर छत्तीसगढ़ के साथ ही देश भर में विरोध चल रहा है। इसके बाद भी राज्य और केंद्र सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है। प्रकृति और पर्यावरण की परवाह किए बिना सरकार कोयला उत्खनन का काम निजी हित में सौंपने जा रही है। विकास की आड़ में जंगलों को काटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता की सुरक्षा और अधिकार की लड़ाई लड़ रही है। संघर्ष की इस कड़ी में अंबिकापुर में 13 मई को बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रदेश भर के लोगों को शामिल होकर पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान करने की अपील की गई है। इस दौरान रैली निकाल कर कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा।

जंगलों की कटाई में AAP की ओर किया जा रहा है विरोध-प्रदर्शन

जंगलों की कटाई में AAP की ओर किया जा रहा है विरोध-प्रदर्शन

10 हजार जनता पलायन करने होंगे मजबूर
प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में जंगल की कटाई होने से वहां के करीब 10 हजार लोगों को मजबूरी में पलायन करना पड़ेगा। क्योंकि, उनकी जीविका जंगल के माध्यम से हो रही है। पेड़ों की कटाई और खदान बन जाने के बाद यहां रहने वाले लोगों के पास क्षेत्र छोड़कर दूसरे जगह जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।

जांजगीर-चांपा में होगी पानी की समस्या
जंगलों की कटाई और खदान बन जाने के बाद हसदेव बांगों परियोजना का अस्तित्व संकट में होगा। क्योंकि, जंगल और पहाड़ के पानी से ही हसदेव नदी में पानी जाता है, जिसमें बांगो परियोजना स्थापित है। बांगो डेम में पानी की कमी होगी तो इससे सिंचित होने वाला इलाका जांजगीर-चांपा जिले में भी पानी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

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