कबीरधाम जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर को रोकने पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत हर माह की 9 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवतियाें की जांच हो रही है। इसी कड़ी में 9 मई को भी 10 केंद्रों में 1284 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई, 217 यानी 16.90 फीसदी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी केस मिले हैं।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में उन गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया है, जिनमें हाई ब्लड प्रेशर, 6 ग्राम या इससे कम एचबी लेवल, कोई गंभीर बीमारी, आकस्मिक गर्भपात की समस्या झेल चुकी महिलाओं का फिर से गर्भधारण करने, शरीर में सूजन या अन्य इसी तरह के लक्षण हैं। बहरहाल, ऐसी गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य विभाग ध्यान रख रहा है।स्वास्थ्य केंद्र पोंडी में 9 माह की गर्भवती महिला जांच के लिए पहुंची थी। डॉक्टर ने जांच करने पर पाया कि गर्भ में बच्चे की धड़कन सुनाई नहीं आ रही है। इस पर गर्भवती महिलाओं को तत्काल 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया, जहां वह डॉक्टर्स की निगरानी में है। सीएमएचओ डॉ. सुजॉय मुखर्जी ने केंद्रों की जांच की।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगा जांच शिविर
9 मई को जिला अस्पताल कवर्धा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहसपुर लोहारा, पंडरिया, बोड़ला, कुकदूर, पिपरिया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिंभौरी, पोंडी, कुंडा व इंदौरी में जांच शिविर लगा। शिविर में कुल 1284 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई। इनमें 268 गर्भवतियों को सोनोग्राफी कराने सलाह दी गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने सेंटर्स में उनकी नि:शुल्क सोनोग्राफी जांच कराई। जरूरी परामर्श भी दिया दिया गया।
निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की सेवाएं भी ले रहे
शिशु व मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए हाई रिस्क प्रेग्नेंसी केस चिह्नांकित किए जा रहे हैं। इसे लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की भी सेवाएं ली जा रही है। सोमवार को 10 केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की जांच करने डॉ. पुष्पा खरसन, डॉ. रानी संगीता जैन, डॉ. योगिता चंद्रवंशी, डॉ. हिना अहमद, डॉ. विमला बक्शी, डॉ. निसिका माटा, डॉ. अनामिका पटेल, डॉ. सुशीला किंडो, डॉ. पुरुषोत्तम राजपूत व डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने सेवाएं दी।
पांच साल में शिशु मृत्यु दर में 22% की गिरावट आई
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के मुताबिक बीते 5 साल में शिशु मृत्यु दर में 22 फीसदी की गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार, छग में 2020-21 में नवजात मृत्यु दर घटकर 32.4 प्रति हजार आ गई है, जो 2015-16 में 42.1 प्रति हजार थी। शिशु मृत्यु दर 44.3 प्रति हजार है, जो 2015-16 में 54 प्रति हजार थी। राज्य में पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर 2015-16 में जहां 64.3 प्रति हजार थी, वह 2020-21 में 50.4 प्रति हजार पर आ गई है। इस पर नजरें रखी जा रही है।

 
                                           
                    
                    






 
            
            
 
             
            
            
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                            
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