27 जुलाई 2022
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में फारूक से ED कई बार पूछताछ कर चुकी है। 2019 में पूर्व सीएम ने क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले में अपना बयान दर्ज कराया था।
ED इस मामले में फारूक के खिलाफ कार्रवाई भी कर चुकी है। दिसंबर 2020 में एजेंसी ने अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। आखिरी बार उनसे 31 मई को श्रीनगर में तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई थी।
फारूक पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप
फारूक पर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के धन को हेराफेरी से निकालने का आरोप है। इस रकम को एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित कई अन्य लोगों के व्यक्तिगत बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। इस मामले में फारूक अब्दुल्ला की भूमिका इसलिए संदिग्ध मानी गई क्योंकि उस समय वो एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। अब्दुल्ला पर आरोप है कि उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। साथ ही खेल निकाय में नियुक्तियां कीं, जिससे बीसीसीआई की ओर से मिलने वाले पैसे को लूटा जा सके।
क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला मामला क्या है
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में करीब 113 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गई थी। आरोप लगाया गया कि यह रकम एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आपस में बांट ली है। 2015 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने क्रिकेट घोटाले की जांच CBI के हवाले की। 11 जुलाई 2018 में CBI की FIR के आधार पर ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, सलीम खान व अहसान अहमद मिर्जा मुख्य आरोपी हैं।
कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा हो चुका है गिरफ्तार
इस मामले में एजेंसी ने सितंबर 2019 में JKCA के तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। इस मसले पर कश्मीर के राजनीतिक दलों का कहना है कि बीजेपी जांच एजेंसियों को मदद से विपक्ष को परेशान कर रही है। वहीं, अब्दुल्ला ने कहा जिस राज्य में चुनाव का समय आता है, सत्ताधारी पार्टी जांच एजेंसियों को विपक्ष के खिलाफ एक्टिव कर देती है।
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