अंडर ब्रिज बनने से मिलेगी राहत 40 हजार से अधिक आबादी का बचेगा समय
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1/अगस्त/2022

रेलवे ने गौरी नगर और स्टेशन पारा अंडरब्रिज के निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पटरी पार की आबादी के जीवन में बड़ा बदलाव आने वाला है। लोगों को बड़ी राहत और समय पर सुविधाएं मिल सकेंगी। दावों के मुताबिक नवंबर से कार्य की शुरुआत भी होगी जाएगी। इससे गौरी नगर और स्टेशन पारा से लगे वार्डों में रहने वाले करीब 40 हजार लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। रेलवे ने 2024 तक सभी रेलवे फाटक को बंद करने की तैयारी है। इसी के तहत गौरी नगर और स्टेशन पारा में अंडर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इन दोनों हिस्सों में अंडरब्रिज की मांग भी लंबे समय से उठ रही थी।

कुछ समय पहले ही अंडरब्रिज के लिए एनओसी की प्रकिया भी पूरी की गई है। अंडरब्रिज नहीं होने की वजह से फाटक बंद होने पर लोगों का समय बर्बाद हो रहा था। इसके अलावा इमरजेंसी में लोगों को समय पर सुविधा नहीं मिल पा रही थी। अंडरब्रिज के निर्माण से ऐसी दिक्कतें खत्म हो जाएगी। आवाजाही सुगम और समय पर हो सकेगा। रेलवे अफसर अब टेंडर के पहले स्थल निरीक्षण, दोनों ब्रिज की लागत से लेकर दूसरी प्रक्रिया में जुट गए हैं।

स्टेशनपारा में छोटा, गौरी नगर में बड़ा ब्रिज बनेगा
रेलवे सूत्रों के मुताबिक स्टेशन पारा में छोटी साइज के अंडरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि केवल छोटे चार पहिया वाहन और गाड़ियों की आवाजाही हो सके। इस हिस्से से भारी वाहन नहीं गुजरेंगे। वहीं गौरी नगर अंडरब्रिज को बड़ी साइज का बनाया जाएगा। इसमें सभी तरह के वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। हालांकि फाइनल नक्शा अभी तैयार नहीं किया गया है।

वर्षों से की जा रही थी मांग यह जनता की जीत है
गौरी नगर अंडरब्रिज को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी। यही स्थिति स्टेशन पारा की भी है। दोनों ही हिस्से में फाटक लोगों की सुविधाओं से लेकर समय के लिए समस्या बनी हुई थी। गौरी नगर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अल्पसंख्यक आयोग सदस्य हफीज खान ने इस स्वीकृति को जनता की जीत बताई। वहीं उत्तर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष आसिफ अली ने कहा कि इससे लोगों को राहत मिलेगी, वहीं क्षेत्र के विकास में मदद भी मिल सकेगी।

जानिए, कैसी दिक्कत और किस तरह मिलेगी राहत

इमरजेंसी: ज्यादातर समय रेलवे फाटक बंद होने की वजह से इन हिस्सों में एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंच पाता। अगर निजी वाहनों से मरीज को हॉस्पिटल ले जाने की स्थिति में भी फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है। खासकर गर्भवतियों के लिए यह समस्या बड़ी हो जाती है।

स्कूली बच्चे: इन हिस्सों से बड़ी संख्या में बच्चे स्कूलों में पढ़ने पहुंचते हैं। फाटक बंद होने की वजह ये या तो इन बच्चों को काफी देर इंतजार करना पड़ता है, या जोखिम उठाकर बच्चे बंद फाटक को पार करते हैं। यह स्थिति सुबह-शाम बनी रहती है। बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते।

नौकरी पेशा: नौकरी पेशा लोगों के साथ भी इसी तरह की समस्या है। स्टेशन पारा और गौरी नगर का फाटक स्टेशन के करीब होने के चलते ज्यादतार समय बंद रहता है। ऐसे में ऑफिस के लिए निकलने वाले लोगों का समय फाटक खुलने के इंतजार में बर्बाद होता है।

अंतिम संस्कार: सबसे अधिक दिक्कत मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के दौरान होती है। गौरी नगर इलाके में रहने वालों के लिए मठपारा कब्रिस्तान व मुक्तिधाम ही अंतिम संस्कार की निर्धारित जगह है। ऐसे में अगर किसी का जनाजा या अर्थी निकलती है, तो फाटक बंद होने की स्थिति में उसे वहीं रोककर रखना पड़ता है।

आगे क्या... लागत निकलेगी, फिर टेंडर होगा
रेलवे के अफसरों ने बताया कि अंडरब्रिज के लिए स्थल निरीक्षण हो चुका है। स्वीकृति में अंतिम मुहर लगने के बाद एक बार फिर स्थल निरीक्षण होगा। इसके बाद अंडरब्रिज की लागत का निर्धारण किया जाएगा। इस सर्वे के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। संभवत: नवंबर के पहले सप्ताह तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। रेलवे ने फाटक बंद करने का लक्ष्य 2024 तक रखा है। इस लिहाज से निर्माण भी तेजी से पूरा किया जाएगा।

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