अपने कर्मों और कर्तव्य के प्रति जागरूकता:
त्वरित खबरे : प्रीति यादव, राजनंदगांव ऑफिस मैनेजर

24 जूलाई 2022

 एक राज्य की कहानी 

एक छोटा सा राज्य था, उस राज्य के राजा ने एक तलाब खुदवाया था, और अपनी  प्रजाओ का परीक्षण करने के लिए उन्होंने सभी लोगों को  आदेश  दे  कर कहा की इस तालाब में प्रत्येक नागरिक कल सुबह ब्रह्म मुहूर्त में अपने घर से एक एक लोटा दूध लाकर इस तालाब में डालें सभी प्रजा अपने महाराज की बात सुनकर अपने घर लौट गए दूसरे दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त पर सभी अपने अपने घर से एक एक लोटा दूध के जगह  जल लाकर वहां डालें, उस राज्य के सभी लोगो  की यह सोच थी कि सभी लोग तो दूध डाल रहे हैं मेरे एक लोटे जल से क्या होगा वह तो दूध में मिल जाएगा और दूध ही दिखेगा , इस तरह से वे  सभी  लोग  अपना कार्य सम्पन्न किये . ब्रह्म मुहूर्त के बाद जब राजा वहां तलाब देखने के लिए   भ्रमण  में  निकले तब उन्होंने वहा देखा तो उनको बहुत ही दुःख  हुआ उस तालाब में दूध की जगह  जल भरा हुआ था, इस बात से राजा को पता चल गया कि उनकी प्रजा की सोच और अपने राज्य के प्रति  उनका कर्तव्य क्या है ,जब वह राजा अपने राज्य भवन में सभी जनता को वहां बुलाकर बताया तो वहां की जनता ने बहुत ही शर्मिंदगी  महसूस  की और उन्हें अपनी गलतियों का एहसास हुआ,

  यह  तो एक छोटी सी कहानी थी ,  इस कहानी के माध्यम से सबको यही संदेश है अपने कर्म और और कर्तव्य के प्रति जागरूक हो, इसमें हमारा, आपका, और विश्व का कल्याण है.

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