राजनांदगांव। विधानसभा अध्यक्ष एवं राजनांदगांव के विधायक डॉ. रमन सिंह तथा सांसद संतोष पाण्डे ने नागरिको एवं जैन समुदाय के लोगों को महावीर जयंती के पावन अवसर पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि महावीर स्वामी विश्व के उन महात्माओं में से एक थे जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिये राजपाट को छोड़कर तप और त्याग का मार्ग अपनाया था।विधायक डॉ. रमन सिंह ने शुभकामना देते हुए कहा कि महावीर स्वामी ने संपूर्ण भारतभर प्रवास किया और अपने दर्शन की सिख दी जो आठ विश्वास के तत्वों पर, तीन अध्यात्मिक तत्त्वों पर और पाच नैतिक तत्त्वों पर आधारित थी। “अहिंसा” यानि हिंसा ना करना, “सत्य” यानि सच बोलना, “अस्तेय” यानि चोरी ना करना, “ब्रह्मचर्य” यानि शुद्ध आचरण और “अपरिग्रह “ यानि संपत्ति जमा ना करना। वही उन्होंने 12 साल की कठोर तपस्या करने के बाद अपनी सभी इच्छा शक्ति और इंद्रियों को काबू में कर उन्हें जीत लिया था, जिसकी वजह से जीतने वाले ‘जीतेन्द्र’ भी कहलाए थे। यही नहीं महावीर जी ने अपने उपदेशों और शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई।सांसद पाण्डे ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थकर थे, जिन्होंने न सिर्फ पूरी दुनिया में अहिंसा परमो धर्मः का संदेश फैलाया, बल्कि उन्होंने दूसरों की भलाई के लिए अपना राज्य, धन, यश, एश्वर्य और तमाम सुख सुविधाओं का परित्याग कर दिया और उन्होंने अपने पूरे जीवन भर कठोर तपस्या की। लोगों को अपने उपदेशों के माध्यम से सच्चाई का मार्ग दिखाने वाले महावीर स्वामी जी को सन्मति, अतिवीर और वीर के नाम से भी जाना जाता है। महावीर जी ने अपने जीवन में पशुबलि का विरोध करने के साथ हिन्दू समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था का भी जमकर विरोध किया साथ ही उन्होंने जियो और जीने दो के सिद्धान्तों पर जोर दिया।

त्वरित ख़बरें - सत्यभामा दुर्गा रिपोर्टिंग


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