स्कूल खुलने का तीसरा दिन:20 फीसदी बच्चे ही पहुंच रहे स्कूल,
त्वरित ख़बरें - शिक्षकों की उपस्थिति भी 60 फीसदी ही, इस बार 75 % अटेंडेंस की बाध्यता नहीं

तीन दिन पहले शासन और जिला प्रशासन ने माध्यमिक शाला, उच्च और उच्चतर शालाओं को खोलने का आदेश जारी किया है। वहीं शुक्रवार को आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्कूलों को भी खोलने का आदेश जारी कर दिया है। स्कूलों में कहीं परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को छुट्टी दे दी गई है, तो कहीं पर प्रायोगिक परीक्षा के बाद बच्चों ने आना बंद कर दिया है।

वहीं कुछ अभिभावक अभी भी बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। इसकी वजह से शासन के आदेश के बाद भी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति 20 से 45 फीसदी ही रह गई है। इधर शिक्षकों को पढ़ाने के अलावा अन्य कार्यों में लगा दिया गया है। कुछ शिक्षक 2 मार्च से होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी में लगे हैं। साथ ही शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए हर दिन कोई न कोई बैठक भी हो रही है, जिसमें शिक्षकों को ड्यूटी लगाई गई है। इसकी वजह से 60 फीसदी शिक्षक स्कूल आ रहे हैं।

जिस स्कूल में एडमिशन, वहीं देनी होगी परीक्षा
कोविड-19 की वजह से इस बार स्कूल कभी बंद और कभी खुले रहे। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक स्कूलों में विद्यार्थियों के प्रवेश का सिलसिला चलता रहा। इसकी वजह से माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा के लिए विद्यार्थियों की स्कूल में उपस्थिति के नियम 75 फीसदी उपस्थिति को इस बार शिथिल कर दिया है। सभी विद्यार्थियों को उन्हीं स्कूलों में परीक्षा देना होगा, जहां उन्होंने प्रवेश लिया है।

बैठक क्षमता से आधे विद्यार्थियों को एक कक्षा में बैठाएंगे

माशिमं से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार प्रत्येक स्कूलों के प्रत्येक कमरे की कुल बैठक क्षमता के आधे सीटों पर ही बच्चों को परीक्षा के दौरान एक कमरे में बैठाया जाएगा। यानी किसी कक्षा में 50 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है तो वहीं 25 विद्यार्थियों को ही बैठाया जाएगा।

कॉलेजों में ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों मोड पर चल रही कक्षाएं
हेमचंद यादव विवि से संबद्ध शासकीय और निजी महाविद्यालयों में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड पर पढ़ाई चल रही है। अपर संचालक डॉ. सुशीलचंद्र तिवारी ने बताया कि दोनों मोड पर क्लास लेने के निर्देश मिले हैं।

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