रायपुर का मोस्टवांटेड वीरेंद्र तोमर ग्वालियर के आलीशान फ्लैट से ऐसे धरा गया - “सब मिलकर मार डालो!”
त्वरित खबरें निशा विश्वास ब्यूरो प्रमुख रिर्पोटिंग
रायपुर। मोस्टवांटेड हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र उर्फ रूबी तोमर की गिरफ्तारी ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी। ग्वालियर के पॉश इलाके में बने एक आलीशान फ्लैट से जब पुलिस ने उसे दबोचा, तो हर कोई दंग रह गया। वह नौकरों के बीच छिपकर रह रहा था और बालकनी में झांकते ही पुलिस के जाल में फंस गया।रविवार को जब उसे रायपुर लाया गया, तो पत्नी शुभ्रा सिंह तोमर ने जुलूस के दौरान बवाल मचा दिया। वह पुलिस पर बरस पड़ी और चिल्लाने लगी – “सब मिलकर मेरे पति को मार डालो!”रायपुर एसएसपी लाल उमेद सिंह ने बताया कि सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियारों के मामलों में तोमर और उसका भाई रोहित तोमर लंबे समय से फरार थे। दोनों के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं। पुलिस की टीम राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्यप्रदेश तक छानबीन कर चुकी थी, लेकिन दोनों हाथ नहीं आए।शातिर तोमर लगातार ठिकाने बदलता था और परिजनों से भी सीधे संपर्क नहीं रखता था। इसी बीच टेक्निकल एनालिसिस और मुखबिरों से सूचना मिली कि वह ग्वालियर या दिल्ली में छिपा है। रायपुर क्राइम ब्रांच ने तुरंत दो टीमें रवाना कीं — एक दिल्ली और दूसरी ग्वालियर के लिए। ग्वालियर के सिरोल थाना क्षेत्र की विंडसर हिल्स टाउनशिप में पुलिस ने 6–7 दिन तक निगरानी की। नौकरों का आना-जाना लगा रहता था, पर तोमर कहीं दिखाई नहीं देता था।शनिवार को अचानक वह बालकनी में कपड़े लेने बाहर आया और पुलिस ने उसे पहचान लिया। फौरन लोकल पुलिस के साथ रेड मारकर उसे पकड़ लिया गया। गिरफ्तार होने पर तोमर ने कहा कि वह जल्द ही सरेंडर करने वाला था।रविवार को पुलिस ने वीरेंद्र का भाटागांव में जुलूस निकाला। वह लंगड़ाते हुए चल रहा था और बनियान फटी हुई थी। तभी अचानक वह बेहोश हो गया।मौके पर मौजूद उसकी पत्नी शुभ्रा सिंह तोमर बौखला गई और मीडिया के सामने चिल्लाने लगी – “मेरे पति को सब मिलकर मार डालो!”पुलिस ने माहौल बिगड़ने से पहले तोमर को गाड़ी में बैठाया और थाने ले गई।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वीरेंद्र और रोहित तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। जबकि उनकी पत्नियों और भतीजे को राहत मिल चुकी है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें ऑर्गेनाइज्ड क्राइम केस में फंसाया है।वीरेंद्र सिंह तोमर रायपुर का आदतन अपराधी है। वह भाई रोहित और परिवार के साथ सूदखोरी और वसूली का धंधा चलाता था।2006 में उसके खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ था। अब तक उसके खिलाफ कई थानों में मारपीट, ब्लैकमेलिंग, उगाही और आर्म्स एक्ट जैसे मामले दर्ज हैं।करीब 5 महीने पहले प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने रोहित तोमर पर मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई थी। तभी से दोनों भाई फरार थे। तलाशी में पुलिस को वीरेंद्र के घर से अवैध हथियार मिले थे, जिसके बाद आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ|रायपुर और भाटागांव के लोगों में इस गिरफ्तारी को लेकर खूब चर्चा है। लोग कह रहे हैं कि “जो सालों से कानून से खेल रहा था, आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।”

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