रामनवमी एवं अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकथाम हेतु जिला स्तरीय टीम का गठन
त्वरित ख़बरें - दीपमाला शेट्टी रिपोर्टिंग

गरियाबंद 06 अप्रैल 2025/ कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार रामनवमी एवं अक्षय तृतीया के विशेष अवसर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु जिला स्तरीय विशेष टीम का गठन किया गया है। 06 अप्रैल को रामनवमी तथा 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व है, इस दिन गांवो एवं शहरो में काफी संख्या में विवाह होते हैं। इन दिनों बाल विवाह भी किए जा सकते हैं, जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती दीपा शाह के मार्गदर्शन व जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में जिला स्तरीय एवं पांचो विकासखण्डों के लिए नोडल नियुक्त किया गया है।

           जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। जिसमें जिला चिकित्सा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग, सहायक श्रमायुक्त, जिला बाल संरक्षण अधिकारी बाल संरक्षण इकाई, सामाजिक कार्यकर्ता, सहायक / नोडल अधिकारी प्रभारी विशेष किशोर पुलिस इकाई व जिला बाल संरक्षण अधिकारी शामिल है। इसी प्रकार अनुभाग स्तर में अध्यक्ष अनुभागीय राजस्व अधिकारी, सदस्य सचिव सर्व बाल परियोजना अधिकारी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदार, खण्ड व चिकित्सा अधिकारी एवं पंचायत स्तरीय में अध्यक्ष सरपंच, सचिव पंचायत सचिव, सदस्य स्कूल प्राचार्य, रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एएनएम, मितानीन, महिला स्वसहायता समूह के कार्यकर्ता, कोटवार, गणमान्य नागरिक और 01-01 छात्र-छात्रा का समिति में होंगे।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह के रोकथाम के लिए जिला प्रशासन समस्त प्रिंटिंग प्रेस, गायत्री परिवार, विवाह कराने वाले पुरोहित, समस्त टेन्ट हाउस मालिक, समस्त डी.जे., बैण्ड बाजा मालिक, समस्त नाई एवं समस्त आर्य समाज प्रमुख से अपील की है कि विवाह मे अपनी सहभागिता देने से पहले बालिका एवं बालक की आयु संबंधित दस्तावेज जैसे अंकसूची, दाखिल खारिज, जन्म प्रमाण पत्र इत्यादि से आयु की पुष्टि अवश्य करें। निर्धारित आयु पूर्ण होने पर ही विवाह कार्यक्रम में अपना योगदान देना सुनिश्चित करेंगे।

विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु में महिला, पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आयेंगे। जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। बाल विवाह होने की सूचना चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098 या अनिल द्विवेदी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मोबाईल नम्बर 88392-39688 में अनिवार्य रूप से देवें।

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