नवा रायपुर के किसान प्रतिनिधियों को शाम पांच बजे मंत्रालय बुलाया,
त्वरित ख़बरें - नवा रायपुर में NRDA भवन के सामने 45 दिन से धरना दे रहे किसानों के साथ आज तीसरे दौर की बातचीत - समझौते के आसार

नवा रायपुर में NRDA भवन के सामने 45 दिन से धरना दे रहे किसानों के साथ सरकार आज तीसरे दौर की बातचीत शुरू कर रही है। आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधियों को शाम 5 बजे मंत्रालय बुलाया गया है। यहां कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रियों और अफसरों का एक समूह किसानों से बातचीत करेगा।

बताया जा रहा है, किसानों की मांगों पर फैसला करने के लिए बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति ने पिछली बातचीत के बाद एक रोडमैप बना लिया है। इस समिति में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया शामिल हैं। समिति ने क्षेत्रीय विधायक धनेंद्र साहू को भी समिति की बैठकों में शामिल किया है। बताया जा रहा है, दो दौर की चर्चा के बाद समिति अधिकांश मांगों को मानने को तैयार हो गई है। मंत्रियों का कहना है, भाजपा सरकार के दौरान हुए पाप की सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है, लेकिन वे किसानों का अहित नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बुधवार को कहा, किसानों की वाजिब मांगों को मानने के लिए सरकार को कोई तकलीफ नहीं है। बताया जा रहा है, सरकार इस बातचीत में समझौता कर लेना चाहती है ताकि आंदोलन को खत्म कराया जा सके।

किसान आधी-अधूरी बातों पर तैयार नहीं

इधर नवा रायपुर बनने से प्रभावित गांवों के किसानों ने तय किया है कि सभी मांगों के पूरा होने तक वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, सरकार का जोर आंदोलन खत्म कराने पर है। लेकिन हम आधी-अधूरी बातों पर तैयार नहीं हैं। आज बातचीत में देखते हैं कि सरकार क्या कहती है। उसी के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी।

इन मांगों को लेकर सड़क पर हैं किसान

  • सन 2005 से स्वतंत्र भू क्रय.विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
  • प्रभावित 27 ग्रामों को घोषित नगरीय क्षेत्र की अधिसूचना निरस्त की जाए।
  • सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए ।
  • प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड का वितरण किया जाए।
  • आपसी सहमति भू-अर्जन के तहत अर्जित भूमि के अनुपात में शुल्क आवंटन।
  • अर्जित भूमि पर वार्षिकी राशि का भुगतान तत्काल दिया जाए।
  • सशक्त समिति की 12वीं बैठक के निर्णयों का पूर्णतया पालन हो।
  • मुआवजा प्राप्त नहीं हुए भू-स्वामियों को चार गुना मुआवजे का प्रावधान हो।

राहुल गांधी के आने पर बड़ा प्रदर्शन हुआ था

राहुल गांधी 3 फरवरी को रायपुर आए थे। आंदोलनकारी किसान उनसे मिलकर बात रखने पर अड़ गए। सरकार ने अनदेखी की तो 20-25 हजार किसान नवा रायपुर की सड़कों से होकर हवाई अड्‌डे तक पहुंच गए। इस दौरान पुलिस ने लाठी भी चलाई। पथराव भी हुआ। राहुल गांधी के जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के 11 प्रतिनिधियों को बुलाकर उनकी बात सुनी। मंत्रियों ने 14 फरवरी को भी किसानों से बात की थी। उस दिन भी कोई नतीजा नहीं निकला।

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