अंजोरा पुलिस चौकी की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मंत्रालय में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से करोड़ों का सपना दिखाकर ठगी करने वाले पिता-पुत्र पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। वहीं उनका एक साथी अब भी फरार है।
मामला ऐसे हुआ उजागर:
ग्राम चिरवार, जिला बालोद निवासी संतराम देशमुख ने पुलिस को शिकायत दी थी कि भेषराम देशमुख और उसके बेटे रविकांत देशमुख ने मंत्रालय में चपरासी और बाबू की नौकरी दिलाने के नाम पर 5 लाख रुपये लिए थे। लेकिन नौकरी नहीं लगी और पैसे भी वापस नहीं किए।
कैसे करते थे ठगी:
आरोपियों ने अब तक करीब 70 लाख रुपये अलग-अलग लोगों से वसूले। चपरासी की नौकरी के लिए 2.5 लाख और बाबू की नौकरी के लिए 4 लाख रुपये लेते थे।
पैसे से खरीदी संपत्ति:
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी पिता-पुत्र ने ठगी की रकम से ग्राम कुथरेल में 12 लाख रुपये का प्लॉट खरीदा और बाकी रकम खर्च कर दी।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने दोनों को बस स्टैंड दुर्ग से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपराध कबूल किया। दोनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है, जबकि उनका साथी अरुण मेश्राम फरार है।
बरामदगी:
12 लाख रुपये में खरीदे गए प्लॉट की रजिस्ट्री
बैंक पासबुक और डायरी
अहम भूमिका:
इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी संतोष कुमार साहू और उनकी टीम ने विशेष भूमिका निभाई।

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