महापौर ने डेयरी संचालकों को दी सख्त चेतावनी, नालियों में गोबर बहाने पर लगेगा भारी जुर्माना...
त्वरित खबरें - आभा किंडो रिपोर्टिंग

दुर्ग। नगर पालिक निगम दुर्ग की महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर डेयरी संचालकों पर कड़ा रुख अपनाया है। निगम मुख्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में महापौर ने डेयरी संचालकों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि नालियों में गोबर बहाने वालों पर अब भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, संबंधित संचालक का घर का नल कनेक्शन भी काटा जाएगा।

बैठक में प्रभारी नीलेश अग्रवाल, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, कर्मशाला अधिकारी शोएब अहमद, सफाई दरोगा, सुपरवाइजर और शहर के विभिन्न डेयरी संचालक उपस्थित रहे।


नागरिकों की शिकायतों के बाद हुई बैठक

महापौर ने बताया कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि डेयरियों से निकलने वाला गोबर सीधे नालियों और सड़कों में डाला जा रहा है। इससे न केवल नालियां जाम हो रही हैं, बल्कि पूरे मोहल्ले में दुर्गंध फैलती है और नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।


निरीक्षण में मिली गंदगी

महापौर बाघमार ने कहा कि हाल ही में कई वार्डों के निरीक्षण के दौरान नालियों में गोबर बहता पाया गया और गलियों में गंदगी का अंबार दिखा। इस लापरवाही के लिए सिर्फ डेयरी संचालक ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के सुपरवाइजर भी जिम्मेदार होंगे। निरीक्षण में लापरवाही मिलने पर सुपरवाइजरों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


डेयरी संचालकों को अंतिम मौका

महापौर ने स्पष्ट किया कि यह डेयरी संचालकों के लिए आखिरी अपील है। अब बार-बार समझाइश नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डेयरी संचालक गोबर को नालियों में फेंकने के बजाय उसका उपयोग कंडा बनाने या बायोगैस उत्पादन में करें। इससे न केवल स्वच्छता बनी रहेगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।


10 दिन की मोहलत, 1 अक्टूबर से सख्ती

महापौर ने बैठक में बताया कि डेयरी संचालकों को अंतिम रूप से 10 दिन का समय दिया जा रहा है। यह समय उन्हें अपनी व्यवस्थाओं को सुधारने और निगम के निर्देशों का पालन करने के लिए है। उन्होंने कहा, “1 अक्टूबर से किसी को समझाइश नहीं दी जाएगी। सीधे जुर्माना और कार्रवाई की जाएगी।”

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