भिलाई। बुद्ध भूमि परिसर कोसा नगर में क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम मोमबत्ती अगरबत्ती प्रज्वलित कर ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया साथ ही परिसर में स्थित अन्य महामानवों की प्रतिमाओं पर भी माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेकराम रामटेके ने ज्योतिबा फुले के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। भिमाई महिला मंडल की अध्यक्षा दानशीला रामटेके ने ज्योतिबा फुले द्वारा महिलाओं की शिक्षा और उनके कल्याण के लिए किए गए कार्यों को याद किया। बौद्ध कल्याण समिति के अध्यक्ष नरेंद्र शेन्डे ने कहा कि ज्योतिबा फुले ने विधवा विवाह और विधवा मुंडन का विरोध कर नारी शिक्षा और समानता को बढ़ावा दिया। डॉक्टर उदय धाबर्डे ने संबोधन में कहा कि ज्योतिबा फुले के जीवन से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि किसी भी अच्छी पहल की शुरुआत अपने घर से करें और घर परिवार को उसमें शामिल करें। जैसे ज्योतिबा फुले ने नारी शिक्षा की शुरुआत अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले से की जिसे प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में विश्व में याद किया जाता है। धन्यवाद ज्ञापन रंजू खोबरागड़े ने किया। इस अवसर पर कोमल चंद्रिका पुरे, मंजूषा मेश्राम ,रानू कोल्हटकर, विनीत भालेकर, नीलम कोलहटकर, शिल्पा बंसोड़, लक्ष्मी मेश्राम, अमित गुरडे, माया सुखदेवे, अलका शेन्डे,कमल मेश्राम, शैलेंद्र मेश्राम, जयंत खोबरागड़े ,कुलदीप बामबोलकर, गणवीर, चिंचखेडे, वर्तिका वासेकर तथा विनोद शीतल वासेकर सहित अनेक गणमान्य लोग और बच्चे उपस्थित थे।
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