राजनंदगांँव जिले के डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जामरी बांध से पेटेश्री गाँव तक करोड़ों की लागत से नहर बनाई जा रही है। लेकिन इसकी हालत देखकर जरा भी नहीं लगता है कि नहर निर्माण के बाद एक साल भी टिकेगी। जामरी बांध से पाटेश्री तक जल संसाधन विभाग ठेकेदारी प्रथा के आधार पर नहर का निर्माण करवा रहा है। इस नहर का मुख्य उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध करवाना था। लेकिन निर्माण के दौरान निर्माण सामग्री गुणवत्ता से समझौता किया गया , पानी निकासी हेतु नहर में जहाँ पाइप लगाना था वहाँ पाइप विभाग और ठेकेदार लगाना ही भूल गए। जिसका असर यह हुआ कि मौजूदा समय में निर्माण से मात्र 6-7 माह के अंदर ही नहर की दीवार कई जगहों से फूट गई , नहर की दीवारों पर कई जगहों पर गंभीर दरारें भी आई हुई है। इसी प्रकार गुणवत्ता ही निर्माण सामग्री का उपयोग करते हुए नहर का काम आगे जारी है।
ठेकेदार का पक्ष जानने की कोशिश की गई धर्मपाल नामक व्यक्ति मिला जो कि अपने आप को कंस्ट्रक्शन कंपनी का कर्मचारी बताते हुए बताया कि नहर के टूटने का मुख्य कारण नहर ऊंचे और खेत नीचले स्थान पर होना, जहां पाइप डालना था वहां पाइप नहीं डाला गया कारण पूछने पर धर्मपाल ने बताया कि सिंचाई विभाग के साहब लोगों ने जहां पाइप लगाना था उसकी जानकारी नहीं दिए इस कारण पाइप नहीं लग पाया विभागीय साहब पहले बताते तो हम पाइप डाल देते। ठेकेदार द्वारा नहर फूटने का सारा दोष सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर डाला गया है।
वही इस संबंध में जल संसाधन विभाग के एसडीओ असद सिद्दीकी से नहर में हुए भ्रष्टाचार व नहर फूटने के संबंध में विभागीय पक्ष जानने पर उन्होंने सारा ठिकरा किसानों पर पर ही फोड़ दिया उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा खुद ही नहर को तोड़ा गया है। फिर से नहर के मरम्मत की बात कही।
सवाल यह उठता है कि नहर निर्माण में हुए भ्रष्टाचार गुणवत्ता हिन निर्माण सामग्री नहर में फुट तथा दीवारों पर आई दरारें पर और नर फोड़ने वाली किसानों पर जल संसाधन विभाग मौन क्यों साधे बैठा हुआ है मामला प्रकाश में आने के बाद किस तरह की कार्यवाही की जाती है यह देखने वाली बात होगी |
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