भाजपा में धैर्य की कमी, वास्तविकता से मुंह चुरा रहे विपक्ष के आरोप विकास के सामने टिक नहीं पाएंगे : मदन साहू
त्वरित ख़बरें - रिपोर्टिंग मुज्जम्मिल खान ब्यूरो राजनांदगांव

राजनांदगांव। जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष मदन साहू ने आवास योजना को लेकर भाजपा के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। उन्होंने कहा कि, एक तरह से भाजपाई मोदी सरकार के खोखले एजेंडे को ही जाहिर कर रहे हैं। आवास योजना की घोषणा मोदी सरकार ने की, लेकिन इसके लिए भी उन्होंने राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ थोप दिया, जबकि दूसरी ओर प्रदेश सरकारों के हजारों करोड़ रुपए की लेनदारी चुकाने में केंद्र लगातार आनाकानी कर रही है। इस बड़ी रकम के अभाव के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार प्रदेश में के लोगों की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपाईयों में धैर्य की कमी है। वास्तविकता से मुंह चुरा रहे भाजपाईयों की मजबूरी उन्हें टिकने नहीं देगी।

मदन साहू ने कहा कि, मोदी सरकार ने 2022 तक प्रत्येक आवासहीन परिवार को आवास का वायदा किया था। व्यवहारिक रुप से ये वादा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसका भार राज्य सरकारों पर भी डाल दिया। ध्यान रहे कि जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार से ज्यादा अनुदान राज्य सरकार दे रही है। डॉ. रमन सिंह के डेढ़ दशक के कार्यकाल में प्रदेश के आर्थिक संसाधन का जबरदस्त दोहन किया गया। प्रदेश कर्ज में डूब गया। जब भाजपा सत्ता से हटी तब प्रदेश पर लगभग 50 हजार करोड़ का कर्जा शेष था। 

किसान कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, भाजपा लोगों को भ्रमित करना चाहती है, उनके पास जनता के सामने जाने के लिए मुद्दे ही नहीं हैं। वे अपनी डेढ़ दशक की कारस्तानियों पर क्या ही कह पाएंगे। प्रदेश की आर्थिक रीढ़ को जो क्षति उन्होंने पहुंचाई उसका भुगतान सभी वर्गों ने किया है। आज कांग्रेस के 4 साल की सरकार में किसान खुशहाल हैं। वे फसल बेचकर सम्मानजनक राशि पा रहे हैं। सरकार नवाचार को बढ़ावा दे रही है जिससे लोगों को फायदा मिल रहा है। नरवा-गरवा, घुरवा-बाड़ी योजना ने बड़ा बदलाव लाया है। यह रमन सिंह की डीजल निकलेगा बाड़ी से जैसी योजना नहीं है जिसमें करोड़ों का बंटाधार हो गया और नतीजा शून्य। 

मदन साहू ने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्व मामलों में कई बड़े निर्णय लिए हैं। नियमितिकरण, संपत्तिकर में कटौती और औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों का संपत्ति कर माफ कर हर क्षेत्र के लोगों को राहत दी गई है। इससे प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी। पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों को स्वयं का मकान बनाने के लिए 50 हजार रूपये अनुदान देने की योजना की घोषणा भी मुख्मयंत्री भूपेश बघेल ने ही की है। वन अधिकार पट्टा के तहत 40 लाख हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों को सौंपी गई। न्याय योजना के माध्यम से तीन वर्षों में 16 हजार 442 करोड़ रुपए की आदान सहायता दी गई है।

इन उपलब्धियों के सामने भाजपा के फिजूल और बेबुनियाद आरोप बेहद छोटे हैं। भाजपा के नेताओं को अपने गिरेबां में झांकने की जरुरत है। डेढ़ दशक के राज में राजशाही भाजपाईयों के दिमाग में चढ़ गई है। वे जमीनी हकीकत से दूर हैं। विपक्ष की राजनीति में वे जनहित के मुद्दों पर बात करने की बजाए छटपटाहट दिखा रहे हैं। 

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