छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर ढलान पर
त्वरित ख़बरें - केस घटने लगे तो मौतों का आंकड़ा बढ़ा

छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर ढलान पर है। विशेषज्ञाें का कहना है कि इस लहर का पीक बीत चुका है। आंकड़ों के विश्लेषण से साफ हो रहा है कि तीसरी लहर का पीक संभावना से बहुत पहले आ गया था। विभिन्न मॉडलों में बताया जा रहा था, महामारी की इस लहर का पीक जनवरी के आखिरी सप्ताह में आएगा। लेकिन यह जनवरी के मध्य से पहले ही पीक पर पहुंच चुका था।

जनवरी महीने के पहले दिन 279 नए मरीज सामने आए थे। यह पिछले एक सप्ताह के दर से असामान्य रूप से ऊंचा था। 4 जनवरी को 1059 मरीजों के साथ संक्रमण का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा था। 13 जनवरी को प्रदेश भर में 6 हजार 15 नए मरीज सामने आए। उसके अगले दिन यानी 14 जनवरी को 6 हजार 153 नए मरीज मिले। यह कोरोना की तीसरी लहर का पीक था। उसके बाद अब तक मरीजों की संख्या 6 हजार तक भी नहीं पहुंची है। पीक के अगले दिन मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट दिखी। 15 जनवरी को 5 हजार 525 नए मरीज मिले, जबकि 16 जनवरी को पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या केवल 3 हजार 963 ही रहीं। इसके बाद केस फिर बढ़े लेकिन सबसे बड़ा आंकड़ा 22 जनवरी को 5 हजार 661 से आगे नहीं बढ़ पाया। 31 जनवरी को नए कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2 हजार 693 रह गया। वहीं 6 फरवरी को 976 नए लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया था। करीब 35 दिनाें में यह एक दिन में मिले मरीजाें की सबसे कम संख्या थी। पहली जनवरी से 7 फरवरी तक के 38 दिनों में एक लाख 32 हजार 279 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं।

केस घटने लगे तो मौतों का आंकड़ा बढ़ा

कोरोना की तीसरी लहर में सबसे चिंतनीय पहलू मौतों का आंकड़ा रहा। मरीजों की मौत का आंकड़ा उस समय बढ़ने लगा था जब कोरोना के नए केस कम हो रहे थे। एक जनवरी को जब 279 नए केस मिले तो एक मरीज की मौत हुई थी। दो और तीन जनवरी को एक भी मौत रिकाॅर्ड नहीं है। चार जनवरी को केस एक हजार से अधिक पहुंचा तो पहली बार 3 मरीजों की मौत दर्ज हुई। 14 जनवरी यानी पीक की तारीख तक एक दिन में सबसे अधिक 7 मरीजाें की मौत हुई थी। 20 जनवरी को पहली बार 15 मरीजों की मौत ने हड़कंप मचा दिया। 25 जनवरी को जब नए केस 5 हजार से नीचे पहुंच गया था, सबसे अधिक 23 मरीजों की जान गई।

जनवरी-फरवरी में ही 351 मरीजों की मौत

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनवरी की एक तारीख से फरवरी की सात तारीख तक कुल 351 मरीजों की जान गई है। उनमें से 65% मरीजों की मौत दूसरी गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं की वजह से हुई है। सबसे अधिक जान 20 जनवरी के बाद हुई हैं। कोरोना की शुरुआत से अब तक 11 लाख 40 हजार 467 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। उनमें से 13 हजार 951 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

सोमवार को ऐसी थी कोरोना की स्थिति

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सोमवार को प्रदेश भर में 37 हजार 372 सैंपल इकट्‌ठा किए गए। इस दौरान 1292 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। 14 मरीजों की मौत हो गई। इनमें से 12 दूसरी गंभीर बीमारियों और दुर्घटना की वजह से अस्पताल आए थे। इस बीच 4 हजार 180 लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया। इनमें से केवल 122 लोगों का इलाज अस्पतालों में चल रहा था। अब प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 13 हजार 706 रह गई है।

क्या यह महामारी के अंत की शुरुआत है?

छत्तीसगढ़ में महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा इस सवाल का जवाब नहीं में देते हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। केसे कम मिल रहे हैं, ऐसे में कह सकते हैं कि तीसरी लहर का पीक गुजर गया। लेकिन महामारी के अंत या खतरा कम होने की बात अभी नहीं की जा सकती। महामारी के संबंध में अब स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न टीमें और प्रयोगशालाएं रिसर्च करेंगी। बीमारों के लक्षणों, पीक और मौत के आंकड़ों का विश्लेषण होगा। यह पता लगाने की कोशिश होगी कि महामारी के नियंत्रण में वैक्सीन की कितनी भूमिका रही। दवाओं का क्या असर रहा। दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों पर क्या प्रभाव रहा। डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा, फिलहाल तो सावधानी में ही बचाव है। बेवजह बाहर घूमना, शारीरिक दूरी के नियमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है।

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