भीषण गर्मी : झुलस रहे लोग, हर 15 में 5 मरीज लू के सामने आ रहे
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राजनांदगांव २२ अप्रैल 

जिले में अप्रैल में पड़ रही गर्मी ने पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। अब तक अप्रैल का 21 दिन बीता है। इसमें 9 दिन ऐसे बीते हैं, जब तापमान ने 40 डिग्री के आंकड़े को छुआ है। इनमें 2 दिन तापमान 43 डिग्री के रिकार्ड स्तर पर रहा। वहीं कुल 4 दिन तापमान 41 और 42 डिग्री पर रहा। शेष 11 दिनों में भी तापमान कुछ ही कम 39 से 38 डिग्री के बीच स्थिर रहा ।

अप्रैल में अधिकतम तापमान के साथ न्यूनतम तापमान ने भी रिकार्ड दर्ज किया है। करीब चार बार न्यूनतम तापमान 29 डिग्री तक पहुंचा। वहीं दो रात ऐसी बीती जिसे मौसम विभाग ने गर्म रात के रुप में उल्लेखित किया है। मौसम विभाग के रिकार्ड पर नजर डालें तो बीते दस साल में अप्रैल में गर्मी का स्तर ऐसा नहीं रहा है। इसकी वजह उत्तर पश्चिम से लगातार आ रही गर्म हवाओं को माना जा रहा है। राजनांदगांव जिले में ईस्ट एमपी के मौसम सिस्टम का असर अधिक रहता है।

यह भी बड़ी वजह है कि प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में राजनांदगांव अधिक दिनों तक गर्म रहा है। इसका सबसे बुरा असर लोगों की सेहत पर पड़ा है। मेडिकल कॉलेज हास्पिटल के डॉक्टर्स के मुताबिक इन दिनों हर 15 में से 5 मरीज लू के सामने आ रहे हैं। वहीं ऐसे मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा भी हो रहा है। अभी भीषण गर्मी का पूरा मई शेष है। इसके पहले ही लोगों को गर्मी के विकराल रुप का सामना करना पड़ रहा है।

इस भीषण गर्मी का किस सेक्टर में पड़ रहा कैसा असर

फसल: गर्मी में भी किसानों ने धान से लेकर रबी फसल लगाई हैं। भीषण गर्मी की वजह से इन फसलों के लिए सामान्य से दोगुना पानी सींचना पड़ रहा है। सिंचाई के लिए ज्यादातर इस्तेमाल नलकूपों का हो रहा है। वहीं गर्मी से बचाने दवाईयों का इस्तेमाल भी हो रहा है। इससे लागत बढ़ रही है।
सेहत : भीषण गर्मी से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। मेडिकल कॉलेज हास्पिटल के डॉ. प्रकाश खुंटे ने बताया कि ओपीडी में आने वाले हर 15 में से 5 मरीज लू के हैं। यह संख्या बीते सालों की तुलना में अधिक है। मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। ज्यादातर मरीज तेज धूप की वजह से ही बीमार हो रहे हैं।
निर्माण: गर्मी की का असर निर्माण कार्याे पर भी पड़ रहा है। ज्यादातर निर्माण कार्य सुबह 7 बजे से शुरु हो रहे हैं। जो अधिकतम 11 बजे तक बंद हो जा रहे हैं। दोपहर में निर्माण कार्य पूरी तरह ठप पड़ रहे हैं। इससे निर्माण की गति कमजोर हो रही है। मजदूरों की सेहत को देखते हुए ठेकेदार व एजेंसी भी जोखिम नहीं उठा रही है।
बाजार: रिकॉर्ड गर्मी का बाजार में मिलाजुला असर है। गर्मी की वजह से पंखे, कूलर, एससी व बचाव के सामग्रियों में जहां बंपर बिक्री हो रही है। पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरने से दूसरे दुकानदार प्रभावित हो रहे हैं। सुबह 11 से शाम 4 बजे तक बाजार में सन्नाटा पसर रहा है।
बिजली: गर्मी का सबसे अधिक असर बिजली की खपत पर पड़ रहा है। कूलर, पंखों व एसी का इस्तेमाल बढ़ गया है। सिंचाई के लिए पंप अधिक इस्तेमाल हो रहे हैं। इससे ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ने लगा है। कई हिस्सों में खासकर ग्रामीण इलाकों में लो - वोल्टेज की समस्या बढ़ गई है।

  • ऐसे प्रतिकूल मौसम में बचाव के लिए करें यह उपाय
  • धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर 11 से 4 बजे तक।
  • उच्च प्रोटीन, तेलीय व नमकीन, मसालेदार भोजन से बचें ।
  • सुपाच्य व तरह खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल करें।
  • पानी अधिक से अधिक पिएं, प्यास न लगने पर भी पीते रहें।
  • स्वास्थ्य ठीक न लगे तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।

मौसमवाणी: 3 दिन राहत फिर 25 से चढ़ेगा पारा
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश में एक द्रोणिका बनी है। इससे गर्म हवाओं के आगमन में कुछ कमी आ रही है। इसके असर से तापमान 2 से 3 डिग्री तक गिरेगा। गुरुवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। 24 अप्रैल तक तापमान में कुछ गिरावट रहेगी। लेकिन 25 अप्रैल से एक बार फिर अधिकतम तापमान में वृद्धि का ट्रेंड शुरू हो जाएगा। न्यूनतम तापमान में भी ऐसी ही स्थिति रहेगी।

दोतरफा मार: एमपी ईस्ट के सिस्टम का असर जिले पर

मौसम विभाग ने बताया कि जिले में प्रदेश में बने सिस्टम का सीधा असर तो पड़ता ही है, वहीं एमपी के ईस्ट में बनने वाले सिस्टम का भी बराबर असर जिले पर होता है। यही वजह है कि राजनांदगांव का मौसम दो हिस्सों से सीधा प्रभावित रहता है। प्रदेश के दूसरे शहरों की तुलना में यहां गर्म दिनों की संख्या अधिक रही है। बताया गया कि इसकी वजह भी यह दोनों हिस्सों का सिस्टम माना जा रहा है। एमपी ईस्ट का सिस्टम से जिले में बारिश की स्थिति भी बनती है।

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