22 सितंबर 2022
बिलासपुर। हास्य जगत का एक चमचमाता सितारा, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का बुधवार को निधन हो गया. दिल्ली के निगमबोध घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी गई. कॉमेडी के इस सितारे का एक कनेक्शन बिलासपुर से भी था. 6 नवम्बर 2005 को राजू बिलासपुर के बाजपेयी ग्राउंड में कार्यक्रम करते हुए राजू ने अपने हास्य व्यंग से लोगों को गुदगुदाया था. कमेडी प्रेमियों के गजोधर भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो अपने चाहने वालों के दिल में हमेशा के लिए अपनी पहचान छोड़ गए हैं. राजू श्रीवास्तव का बिलासपुर से डॉयरेक्ट कनेक्शन नहीं रहा है, लेकिन बिलासपुर के उनके इवेंट ऑर्गेनाइजर दोस्त विनोद पटेल के जरिए राजू छत्तीसगढ़ और बिलासपुर से जुड़े रहे. वे ना सिर्फ या से जुड़े बल्कि बिलासपुर के प्रति राजू श्रीवास्तव का गहरा लगाव रहा.
राजू के दोस्त विनोद पटेल ने उनके निधन पर उन्हें याद करते हुए बताया कि साल 1997 में वो फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के लिए मुंबई गए थे. स्ट्रगल के दौरान मुंबई के घाटकोपर में 1997 से 2004 तक रहे, तब राजू श्रीवास्तव भी कानपुर से आकर मेहनत कर रहे थे. वहीं हम दोनों की मुलाकात हुई थी. राजू चाय के ठेले पर बैठकर चाय पीते और लोगों को हंसाते थे. इसी दौरान राजू को लाफ्टर चैलेंज में काम करने का मौका मिला. फिर उनको कॉमेडियन का नया नाम मिला. इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
हार नहीं मानी, मायानगरी में बनाई अलग पहचान
विनोद बताते हैं कि राजू के परिवार की स्थिति अच्छी नहीं थी. इसके बाद भी वे फिल्म इंडस्ट्री में काम करने कानपुर से मुंबई गए. वहां उन्होंने काफी मेहनत की. एक समय ऐसा भी आया कि जब राजू को कोई काम नहीं मिल रहा था, तब उनके परिवार वाले वापस आकर कानपुर में ही जॉब करने की सलाह दे रहे थे. लेकिन राजू ने हार नहीं मानी और मेहनत जारी रखी. आखिरकार उन्हें कामयाबी मिली और मायानगरी के साथ फिल्म जगत में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई.