राजनांदगांव:- शहर की जन- जन की आवाज एवं पूर्व पार्षद हेंमत ओस्तवाल ने एक जारी बयान के माध्यम से राजनांदगांव निगम के वरिष्ठ पार्षद एवं शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर विराजमान कुलबीर सिंह छाबड़ा के द्वारा राजनांदगांव जिले के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के खिलाफ किस हैंसियत से अधिकारियों को निर्देशित करने का जो बयान जारी किया गया वह राजनैतिक दृष्टिकोण से कही से भी उचित नहीं है क्योंकि राजनैतिक जनहित में दो विचारधाराओं की लड़ाई है उसका जनहित और शासन हित में गलत कामों का विरोध करना वह एक जनप्रतिधि और आम जनता का अधिकार है लेकिन जिस तरह से छाबड़ा के द्वारा जिले के पूर्व सांसद के खिलाफ किस हैंसियत से अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है, का जो बयान जारी कर अपनी हल्की सोच का जो प्रदर्शन मिडिया के माध्यम् से किया गया है उससे कुलबीर छाबड़ा की सोच का खुलाशा हो गया है जबकि राजनैतिक में हैंसियत नहीं अपनी काब्लियत प्रशासनिक अधिकारियों आदि के बीच बताने वाला ही राजनीति का पक्का खिलाड़ी होता है। इसका ज्ञान होना चाहिए क्योंकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ३० वर्ष के रविन्द्र चौबे जी जैसे वरिष्ठ विधायक को एक ईश्वर साहू जैसा आम नागरिक चुनाव में हरा दिया है यह उसका प्रमाण सामने है, इसलिए राजनीति में कुलबीर सिंह छाबड़ा जैसे नेताओं को हैंसियत जैसे हल्के शब्दों का प्रयोग राजनीति मेें नहीं होना चाहिए और जनहित में भष्ट्राचार शहर के विकास आदि और सत्य के लिए आरोप-प्रत्यारोप का खुला आरोप प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर बयान बाजी पत्राचाार किया जाना चाहिए।
लेकिन कुलबीर सिंह छाबड़ा के द्वारा लगभग अपने वार्ड के १६ करोड़ रूपयों के जो बुढ़ासागर के भष्ट्राचार के मामले में पूर्व महापौर मधुसूदन यादव एवं वर्तमान महापौर हेमा देशमुख के खिलाफ एक शब्द भी उस विडियों में नहीं बोला गया क्यों? और दुसरी ओर पूर्व सांसद अभिषेक सिंह से यह कह रहे है कि, आओं बुढ़ासागर के भष्ट्राचार की मिलकर जाँच करवाते है क्या राजनीति के इतिहास में आज तक भष्ट्राचार करने वाला और भष्ट्राचार की आवाज उठाने वाला दोनो एक साथ मिलकर कौन से राजनीति के इतिहास में जाँच का खुलाशा हुआ है इसका प्रमाण छाबड़ा को आम जनता के सामने देना चाहिए। जबकि भूपेश बघेल जी के ५ वर्ष के कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश सहित नगर निगम राजनांदगांव में कांग्रेस पार्टी की बहुमत से सरकार थी तो कुलबीर सिंह छाबड़ा वरिष्ठ पार्षद को ५ वर्ष के शासनकाल मेें मुंह में कौन सा ताला राजनांदगांव के पूर्व सांंसद अभिषेक सिंह ने लगाया था, उसका खुलाशा करें। और अब जब प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता चली गई तो मुँह में लगा हुआ यह ताला पूर्व सांसद मधुसूदन एवं पूर्व महापौर मधूसूदन यादव या अभिषेक के द्वारा खोलवाया जा रहा है,जनहित में खुलाशा करें।
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