4 फरवरी 2023
लोरमी। मुंगेली जिले के खुड़िया वन परिक्षेत्र अंतर्गत रेंजर की मनमानी और लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रहा है. चचेड़ी निवासी कुंजबिहारी तिवारी ने रेंजर पर काम कराने के महीनों बाद भी राशि भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता ने बताया कि कक्ष क्रमांक 477 RF में उन्होंने ट्रैक्टर क्रमांक CG28 M9250 एवं CG04 DT5117 से स्थाई रोपणी करीडोंगरी और भूतकछार से वनग्राम बिजराकछार में प्लांटेशन के लिए पौधा परिवहन किया है.
वन परिक्षेत्र अधिकारी खुड़िया के द्वारा कहा गया था कि रोपण के एक हफ्ते के अंदर भुगतान करा दूंगा. वही पौधों के परिवहन की भुगतान राशि नहीं मिलने की जानकारी उप वनमण्डलाधिकारी लोरमी को भी दिया जा चुका है. बावजूद इसके रेंज के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा भुगतान के लिए टालमटोल जवाब दिया जा रहा है.
10 हजार गड्ढे और पौधे गायब !
आरोप यह भी है कि बीते वर्ष बिजराकछार में हुए प्लांटेशन को लेकर पौधारोपण के लिए 27 हजार गड्ढे श्रमिकों से खुदवाये गए थे, लेकिन महज 17 हजार पौधों की ढुलाई के बाद उसे मौके पर लगाया गया है. साथ ही प्लांटेशन में वन परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा कैजुअल्टी का कार्य भी अबतक नहीं कराया गया है.
वहीं पौधा परिवहन की राशि भुगतान करने के साथ ही पौधारोपण स्थल का भौतिक सत्यापन के बाद दोषी अधिकारी के ऊपर कार्रवाई की मांग को लेकर मुंगेली के डीएफओ कार्यालय में लिखित शिकायत की गई है.
आरोप यह भी है कि वनपरिक्षेत्र अंतर्गत हुए अन्य कार्यों की राशि आहरण करने के बाद भी दर्जन भर से अधिक लोगों द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान वन परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा अब तक नहीं किया गया है. ऐसे में काम करने वाले आक्रोशित मजदूरों का गुस्सा किसी भी समय फूट सकता है.
सालों पुराने पेड़ और जंगली जानवरों की सुरक्षा खतरे में
वन विभाग के द्वारा लाखो रुपए खर्च कर वृक्षारोपण तो किया जा रहा है, लेकिन वनभूमि पर कब्जा करने वालों के द्वारा बेख़ौफ घने जंगल मे पुराने हरे भरे पेड़ों की बेतहाशा कटाई की जा रही है. जिस पर अंकुश लगाने पर वन विभाग के अधिकारी नाकाम हैं. सांथ ही खुड़िया रेंजर की उदासीनता के चलते इन दिनों जंगल मे वनों की अवैध कटाई और वनभूमि पर कब्जा करना आम हो गया है.
ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि वनों की रक्षा करने वाले अधिकारी ही इन दिनों भक्षक की भूमिका में नजर आ रहे हैं. उन्हें केवल तमाम निर्माण कार्यों के अलावा अन्य कामों से मिलने वाली मोटी कमीशन की राशि से मतलब है. अब सवाल यह उठता है कि शासन की योजना अनुसार वनक्षेत्र में प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण कराया जा रहा है. उसकी रक्षा कौन करेगा ?
वहीं पौधों की ढुलाई करने वाले के लंबित भुगतान को लेकर खुड़िया के रेंजर लक्ष्मण दास पात्रे ने बताया कि चालान नहीं होने के कारण अब तक भुगतान नहीं होने हो सका था. जल्द ही भुगतान किया जाएगा. इसके सांथ ही बीते वर्ष 477 RF में रोपे गए पौधों की संख्या के सवाल पर उन्होंने देखकर बताने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया.
अब देखना होगा कब तक वृक्षारोपण के लिए पौधा परिवहन करने वाले पीड़ित को जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा बाकी राशि भुगतान कराते हुए जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही गायब 10 हजार पौधों का पता लगाई जाएगी.