मध्‍यम – गरीब वर्ग को मरणासन्‍न अवस्‍था में ले जाएगा ये बजट – विधायक छन्‍नी साहू 0 कहा - रसोई गैस – ईंधन, खाद्यान्‍न पर बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी पर बजट में कुछ नहीं

त्वरित ख़बरें- रिपोर्टिंग मुज़्ज़म्मिल ख़ान राजनांदगांव

राजनांदगांव। खुज्‍जी विधायक श्रीमती छन्‍नी साहू ने केंद्र सरकार के वित्‍त बजट को मध्‍यम व गरीब वर्ग के लिए कंटक की संज्ञा दी है। उन्‍होंने कहा कि, इस बजट में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों को एमएमपी और उनकी आय दोगुनी करने सहित कई जरुरतों को वित्‍तमंत्री निर्मला सितारमण ने नज़र अंदाज कर देश को बदहाल स्थिति की ओर मोड़ दिया है। 


विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि – घरेलू गैस, पेट्रोल-डीजल, खाद्यान्‍न में बढ़ती महंगाई में किसी तरह की राहत बजट में शामिल नहीं है। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरुरतों के लिए जूझने वाले मध्‍यमवर्गीय और गरीब वर्ग को यूं ही उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। उनकी आर्थिक प्रगति और खर्च में राहत के लिए मोदी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। 


उन्‍होंने कहा कि – केंद्र सरकार इस बजट में महज कागजों में अपनी ही बेबुनियाद तारीफों का पुलिंदा लिए खड़ी है। युवाओं को 2 करोड़ नौकरी की बात कहने वाली सरकार निजीकरण पर जोर दे रही है। 30 लाख से अधिक पद केंद्र में खाली होने के बावजूद भर्तियां नहीं हो रही है। अग्निवीर योजना लाकर पहले ही मोदी सरकार ने सेना में शामिल होने दिन रात एक करने वाले नौजवानों से खिलवाड़ कर रखा है। 


श्रीमती साहू ने वित्‍तमंत्री सीतारमण को लेकर कहा कि महिला होते हुए भी उन्‍हें गृहणियों और उनकी स्थिति का अंदाजा नहीं है। बढ़ती महंगाई से कुछ अछूता नहीं है। दूध, दही, आटा, दालें, खाने का तेल सब मध्‍यमवर्गीय और गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर है। रसोई गैस जो यूपीए के कार्यकाल में 410 रुपए में मिला करती थी आज आम आदमी उसका 11 सौ रुपए दाम चुका रहा है। 


उन्‍होंने कहा कि – देश का अन्‍नदाता परेशान है। कई मांगों को लेकर देश किसानों का राष्‍ट्रव्यापी आंदोलन देख चुका है। जो हालात इस सरकार ने किसानों के लिए पैदा किए हैं वैसा पहले कभी नहीं हुआ। इस बजट में एमएसपी और किसानों की आय दोगुनी करने के मामले में सरकार ने क्‍या किया... कुछ नहीं। किसानों को जिस तरह बजट से बाहर किया गया है वे बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता। 


बजट को लेकर जारी प्रतिक्रिया में विधायक श्रीमती छन्‍नी साहू ने कहा कि – कुल मिलाकर इस बजट के बाद आम आदमी के लिए कंटकों से पटे हुए मार्ग पर चलते हुए समाप्‍त हो जाना ही शेष रह गया है। मोदी सरकार गरीबी हटाने में असफल रही और अब उनकी नीतियां गरीबों को मरणासन्‍न अवस्‍था में ले जाने के लिए काफी है।